रामगढ़। लॉकडाउन के दौरान बंद दुकानों के अंदर ग्राहक होने की खबर आम है। लेकिन बंद अस्पताल के अंदर मरीज भर्ती हैं, यह खबर चौंकाने वाली है। रामगढ़ शहर का एक अस्पताल ऐसा है जिसे स्वास्थ्य विभाग ने बंद कराया था। लेकिन उसके अंदर चोरी छुपे मरीजों का इलाज चल रहा था। इस बात का खुलासा शुक्रवार को तब हुआ जब जांच टीम उस अस्पताल में पहुंची।
शहर के थाना चौक स्थित साईं हेल्थ केयर अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग के आदेशों को लगातार चुनौती दे रहा है।
अस्पताल प्रबंधन की इस हरकत की वजह से वह लगातार सुर्खियों में भी है। इस अस्पताल ने कोरोना के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूलने का काम किया था। जांच में जब पूरा मामला स्पष्ट हुआ तो स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन 45 दिनों के लिए रद्द कर बंद करा दिया। लेकिन इसके बावजूद यह अस्पताल संचालित हो रहा था।
रामगढ़ अंचल अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम यहां पहुंची। जांच टीम ने देखा कि अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ है। जब प्रबंधक और चिकित्सक डॉ मिथिलेश कुमार से बात हुई तो मुख्य द्वार खोला गया। अधिकारी जब अंदर पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर अवाक रह गए। अधिकारियों ने वहां देखा कि अस्पताल के बेड पर मरीज लेटे हुए हैं। वहां उनका इलाज किया जा रहा है। जब स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल को चिकित्सीय सेवा देने के लिए प्रतिबंधित कर दिया, तब किस आधार पर चोरी छुपे वहां मरीजों का इलाज किया जा रहा था।
इस सवाल का जवाब जांच टीम के पास भी नहीं था। टीम का नेतृत्व कर रहे अंचल अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि वे जब अंदर पहुंचे तो उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ जैसे यह अस्पताल कभी बंद ही नहीं हुआ है। वहां कई मेडिकल स्टाफ भी मौजूद थे जो ड्यूटी कर रहे थे।
अस्पताल कर्मचारियों के ऑडियो लीक मामले की जांच करने पहुंची थी टीम
साईं हेल्थ केयर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों व प्रबंधन लोगों के बीच कोई वार्ता की एक ऑडियो प्रशासन को उपलब्ध हुई थी। उस ऑडियो में इस बात की चर्चा हो रही थी कि किस तरह मरीजों को दवाओं के नाम पर लूटना है। किस तरह उनके बिल में अधिकतम दवाओं के मूल्य को शामिल करना है। किस तरह उन्हें इंजेक्शन और अन्य दवाओं को लेकर झांसा देना है। इस ऑडियो को लेकर एसडीओ कीर्ति श्री ने एक विशेष जांच टीम गठित की थी।
इसमें रामगढ़ अंचल अधिकारी सुधीर कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी रजनी रेजिना इंदवार, पूर्व सिविल सर्जन साथी घोष, डॉ एस पी सिंह और रामगढ़ थाना प्रभारी सुशील कुमार सिंह शामिल थे। टीम ने लगभग 2 घंटे तक अस्पताल की बारीकी से जांच की। साथ ही वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों व प्रबंधन के सदस्यों से बात की। रामगढ़ अंचल अधिकारी ने बताया कि पूरी रिपोर्ट एसडीओ को सुपूर्द की जाएगी।
अब तक तीन कमेटियां कर चुकी है अस्पताल की जांच
साईं हेल्थ केयर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मरीजों को लूटने का मामला पूरे राज्य में चर्चा का विषय रहा है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने खुद इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इस अस्पताल में मरीजों को लूटने के मामले पर तीन कमेटिया जांच कर चुकी हैं। सबसे पहले स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर रामगढ़ की सिविल सर्जन डॉ गीता सिन्हा मानकी, सदर अस्पताल के कार्यकारी उपाधीक्षक डॉ उदय श्रीवास्तव, एसडीपीओ किशोर कुमार रजक और अस्पताल प्रबंधक अतिंदर उपाध्याय जांच करने पहुंचे थे।
उन्होंने पाया था कि अस्पताल ने कोरोना मरीजों से जरूरत से ज्यादा बिल लिया है। इस जांच कमेटी ने जब कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की तो डीसी संदीप सिंह ने इस मामले पर दूसरी जांच कमेटी बनाई। उस कमेटी में शामिल पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता राजेश मुर्मू, डॉ एस पी सिंह व अन्य पदाधिकारियों ने जांच की। इनकी जांच रिपोर्ट आते ही डीसी में कहा कि अस्पताल प्रबंधन को वसूली गई रकम वापस करने को कहा गया है। साथ ही उन पर विधि सम्मत कार्रवाई हो रही है। इन दोनों जांच टीम ने साईं हेल्थ केयर अस्पताल में कई खामियां उजागर की थी। इसके बाद एक बार फिर एसडीओ कीर्ति श्री ने अंचल अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनाकर इस अस्पताल की जांच करवाई है।