बड़कागांव। एनटीपीसी द्वारा भुमि अधिग्रहण को लेकर मुआवजा, नौकरी, विस्थापन, पुनर्स्थापन तथा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू करने संबंधी ग्रामीणों की शिकायतों के समाधान को लेकर सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी की पुनः बैठक की गई। बैठक 4 में से केवल 3 सदस्य ही शामिल हो पाए। बैठक में एनटीपीसी का कोई भी पदाधिकारी या उनके प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुए ।
बता दें कि समिति ने पूर्व में कई बैठकें की। लोगों के समक्ष जाकर उनकी शिकायतों को सुना, बड़कागांव विधायक और एनटीपीसी के द्वारा समर्पित जवाब और विभिन्न अधिनियमों, दिशानिर्देशों, कानूनी सलाह को देखते हुए सरकार को कई बिंदुओं पर अनुशंसा की गई थी।
समिति ने निर्णय लिया था कि कोल बेयरिंग एक्ट और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के अन्तर्गत किया गया अधिग्रहण कानूनी तौर पर नियम संगत नहीं है। कोयला मंत्रालय द्वारा 2018-19 में जारी किए गए अधिसूचना के अनुसार भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू होना चाहिए था ।
कमिटी ने रोजगार को लेकर समर्पित रिपोर्ट के कहा था कि रोजगार में प्रभावितों तथा स्थानीय कुशल तथा अर्धकुशल मजदूरों को हीं प्राथमिकता देनी होगी। ऐनुटी की दर के संबंध में समिति ने कोयला मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दर देने की अनुशंसा की भी की थी ।
बड़कागांव विधायक अम्बा प्रसाद ने कहा कि नौकरी को लेकर कंपनी की हठधर्मिता का पर्दाफाश हो गया। कंपनी हमेशा रोजगार के मुद्दे पर हाथ खड़ा करती आई है। कमेटी का यह निर्णय कंपनी के लिए सबक है कि विस्थापितों और स्थानीयता का हित सबसे ऊपर रखना होगा।
समिति के द्वारा विस्थापितों को दिए जाने वाले आवास दर को बढ़ा कर पीडब्लूडी के दर पर करने की अनुशंसा कि गई थी ।
कमिटी द्वारा कोयला ढोने वाले भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में मुआवजा के लिए जिला प्रशासन को व्यवस्था बनाने हेतु अनुशंसा किया गया था।
प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को लेकर कमेटी ने कंपनी को अबतक हुए प्रदूषण को नियंत्रित रखने और अनुपालन प्रतिवेदन जमा करते रहने का निर्देश दिया था।
बैठक में एनटीपीसी के कार्यकारी प्रबंधक ने आनन-फानन में कोयला मंत्रालय द्वारा जारी एक पत्र का हवाला देते हुए रिपोर्ट में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था, कहा था कि भूमि अर्जन अधिनियम 2013 लागू कर पाना संभव नहीं है।
इस पर विधायक अंबा प्रसाद ने कहा था कि कंपनी कानून के उपर नहीं है 2013 लागू करना हीं होगा। आज इस रिपोर्ट के द्वारा कंपनी का नियमों को ताक पर रखकर मनमानी करने का रवैया उजागर हो गया है।
विधायक ने कहा कि यदि सरकार कमिटी द्वारा लिए गए निर्णय पर मोहर लगा देती है तो इसका लाभ झारखंड के अलावे देश के कई अन्य वैसे राज्य के किसानों को भी मिलेगा जो किसी ना किसी कम्पनी से प्रभावित अथवा विस्थापित हुए हैं। परंतु रिपोर्ट में कुछ त्रुटि का हवाला देते हुए सरकार ने समिति द्वारा लिए गए निर्णयों को खारिज कर दिया था ।
अब विधायक के प्रयास से पुनः सरकार ने समिति को बैठक कर अपना मंतव्य देने का आदेश पारित किया है जिसके आलोक में आज आयुक्त उत्तरी छोटानागपुर की अध्यक्षता में उपायुक्त हजारीबाग तथा विधायक अंबा प्रसाद की उपस्थिति में एक बैठक किया गया जिसमें विधायक अंबा प्रसाद ने कई अन्य दस्तावेज आयुक्त उत्तरी छोटनागपुर को उपलब्ध कराते हुए उक्त सभी नियमों का पालन कराने का आग्रह किया ।
बैठक में मुख्य रूप से बडकागांव विधायक अंबा प्रसाद,आयुक्त उत्तरी छोटानागपूर, उपायुक्त हजारीबाग उपस्थित हुए।
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