चरही| रैयत-विस्थापित मोर्चा और हजारीबाग क्षेत्र के सीसीएल प्रबंधन के बीच बनी सहमति के बाद सोमवार को बंद पड़े तापिन साउथ परियोजना का संचालन दुबारा शुरू किया गया। इस दौरान कोलयरी में लोकल सेल की बुकिंग सामान्य दिनों की तरह ही रही। हालांकि, जैसा कि अंदेशा जताया जा रहा था कि परियोजना शुरू होने से विवाद उत्पन्न होने के साथ विधि व्यवस्था बिगड़ सकती है, ऐसा कुछ देखने को नही मिला। कोलयरी के लोकल सेल में दिन के अंत तक करीब 57 गाड़ियों की बुकिंग हुई। गौरतलब हो कि यह परियोजना विवादों का केंद्र बन चुका है। आये दिन इसमें किसी न किसी वजह से विवाद होते रहती है। हाल ही प्रबंधन से हुआ मारपीट इसका जवलंत उदाहरण है, जिसके बाद परियोजना को विधि व्यवस्था बनाये जाने तक बंद कर दिया था।

विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन दिखी मुस्तैद:-

विधि व्यवस्था बनाने को लेकर पुलिस प्रशासन पूरे दिन मौजूद रही। चरही थाना प्रभारी अनांद आजद अपने दल-बल के साथ उक्त स्थान पर शुबह से उपस्थित थे। वही मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अनुमंडल अधिकारी ओम प्रकाश और चुरचू वीडियो इंद्र कुमार भी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। इसके अलावा स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए आईआरबी के जवानों को भी अतिरिक्त पुलिस बल के रूप में तैनात किया गया था। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने विधि व्यवस्था बिगाड़ने वाले सभी तत्वों की निगरानी रखी। प्रत्येक गाड़ियों के साथ साथ आने जाने वाले सभी लोगो पर भी पुलिस प्रशासन की नजर रही।

परियोजना सुचारू रूप से चलाने में अब भी है कई चुनोतियाँ:-

भले ही तापिन साउथ परियोजना को प्रबंधन द्वारा पुलिस की निगरानी में शुरू कराया गया हों, परंतु इसे सुचारू रूप से चलाना प्रबंधन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि परियोजना से जुड़े समितियों के बीच अब भी मदभेद बरकरार है। कइयों की नाराजगी है कि परियोजना शुरू कराने में इनके हितों को नजरअंदाज कर दिया गया है। खबर यह भी है कि शनिवार को हुए वार्ता में केवल रैयत विस्थापित मोर्चा को ही बुलाया गया था और परियोजना के संचालन का निर्णय ले लिया गया जिससे हाई पावर कमिटी की नाराजगी बढ़ी है। हालांकि शनिवार को हुए वार्ता में आपस मे ताल मेल कर परियोजना संचालन की बात कही गयी है परंतु आने वाले वक्त में ही इसका बता चल पाएगा।

परियोजना के शुरू-बंद होने से बढ़ी है इससे जुड़े लोगों में रोजगार की असुरक्षा की भावना:-

तापिन साउथ परियोजना न सिर्फ बड़े बड़े उद्योगों को ऊर्जा प्रदान करती है, बल्कि सैंकड़ो स्थानीय मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध कराती है। आस-पास मजदूरों का जीवकोपार्जन का मुख्य आधार यही कोलयरी ही है। परियोजना बंद होने के बाद इनके समक्ष रोजगार और आर्थिक समस्या उतपन्न हो गयी थी। परंतु करीब एक हफ्ते के बाद सोमवार को जैसे ही परियोजना शुरू हुई इनलोगों ने राहत की सांस ली। इनका कहना है कि परियोजना में आये दिन हो रहे विवाद से उनके रोजगार की असुरक्षा की भावना बढ़ गयी है। लोगो का कहना है कि उन्होने इस परियोजना के लिए वर्षो संघर्ष किया है यदि परियोजना बंद होती है तो उनके इस वर्षो के मेहनत पर पानी फिर जाएगा।

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