खूंटी। छोटानागपुर के मिनी बाबा धाम के रूप में विख्यात बाबा आम्रेश्वर धाम के पचास साल के इतिहास में पहली बार सावन के महीने में न तो बोल बम के नारे गुंजेंगे और न ही श्रावणी मेला लगेगा। कोरोना वायरस को लेकर जारी लाॅक डाउन के कारण सरकार ने इस वर्ष श्रावणी मेले और भक्तों द्वारा बाबा के जलाभिषेक पर रोक लगा दी है।

बाबा आम्रेश्वर धाम प्रबंध समिति के अनुसार सावन महीने में बाबा मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में सिर्फ पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना की जायेगी। भक्तों के वहां जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
गौरतलब है कि खूंटी जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर और राजधानी रांची से 45 किमी की दूरी पर रांची-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर स्थित है बाबा आम्रेयवर धाम, जहां सावन महीने में बाबा के भक्तों का सैलाब जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए उमड़ता रहता है। धाम परिसर में एक महीने तक श्रावणी मेला लगता है, जहां झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल से हजारों दुकानदार दुकानें लगाने पहुंचते हैं। जानकारी के अनुसार बाबा आम्रेश्वर धाम में सावन महीने में जलाभिषेक और श्रावणी मेले की पंरपरा 1970 में शुरू हुई थी।

उसके बाद से अब तक कभी ऐसा मौका नहीं आया, जब मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद हों, पर 50 साल बाद पहली बार भक्त सावन के पवित्र महीने में बाबा भोलनाथ का दर्शन-पूजन नहीं कर सकेंगे। बता दें कि सावन के महीने में हर दिन पचास हजार से अधिक भक्त बाबा का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करते हैं। सोमवार को तो यह संख्या एक लाख को पार कर जाती है। पूरा सावन दिन-रात बोल बम के नारों से गूंजता रहता था, पर इस बार लोगों को बाबा भोलेनाथ के जयकारे सुनने को नहीं मिलेंगे।

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