रांची। हिंदपीढ़ी पूरी तरह से लॉकडाउन है। लोगों का घरों से निकलना बंद है। ऐसे में किसी व्यक्ति, परिवार को खाद्यान्न की कमी न हो, इस बात को ध्यान के रखकर हिंदपीढ़ी के करीब आठ हजार घरों के लिए आकस्मिक राहत खाद्यान्न सामग्री वितरण  की व्यवस्था की गई है। ऐसी ही व्यवस्था बोकारो के कोरोना प्रभावित साड़म व अन्य क्षेत्रों के लिए भी शुरू हुई है। लोगों से अपील है,आप घर पर ही रहें और निर्देशों का पालन करें। सरकार विशेष रूप से खाद्यान्न का वितरण करेगी। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री गुरुनानक स्कूल परिसर से आकस्मिक राहत के तहत खाद्यान्न लदे वाहनों को हिंदपीढ़ी के लिए रवाना करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच प्रक्रिया में लोग सहयोग करें ताकि क्षेत्र में राहत दी जा सके।

सभी को राहत पहुंचाने की कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक किचन, दीदी किचन, विशेष खाद्यान्न वितरण, स्वयंसेवी संस्थाओं व अन्य माध्यमों से जरूरतमंदों को भोजन एवं खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से राशि प्रदान की जा रही है। दूध के पाउडर का वितरण भी जल्द प्रारंभ होगा। लोगों का सहयोग मिल रहा है।  जिला प्रशासन की ओर से 10 लाख का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया गया। पारले जी बिस्किट की ओर से दो लाख बिस्किट के पैकेट और लाइफबॉय साबुन की ओर से 10 हजार साबुन प्राप्त हुए ।  हमें मिलकर कोरोना के विरुद्ध संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को धन्यवाद, जिन्होंने गुरुनानक स्कूल परिसर को कंट्रोल रूप में बदलने की अनुमति दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुनानक स्कूल में स्थापित कन्ट्रोल रूम व वितरण के लिए पैक किये जा रहे खाद्यान्न सामग्रियों का निरीक्षण भी किया।

यह है राहत सामग्री में

आकस्मिक राहत खाद्यान्न सामग्री में 15 दिनों का चावल, दाल, आलू, प्याज, सरसों का तेल, चायपत्ती, चीनी, साबुन, नमक व अन्य सामग्रियां उपलब्ध कराई गई हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, उपायुक्त रांची, एसएसपी रांची व अन्य लोग उपस्थित थे।

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