देवघर। बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को एक सप्ताह की प्रतीक्षा करनी होगी। राज्य सरकार ने एक दिन में अधिकतम 200 श्रद्धालुओं को ही दर्शन-पूजन की अनुमति दी है। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन कराने की व्यवस्था है, लेकिन अगले सप्ताह तक का कोटा पूरा हो चुका है। फिलहाल झारखंड के लोगों को ही आराधना की अनुमति दी गई है। इसके लिए अरघा लगाया गया है। बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए वेबसाइट पर पंजीयन हो रहा है। पंजीयन के दौरान श्रद्धालुओं को यह बताना होगा कि उन्हें अकेले दर्शन करना है या परिवार के साथ। दर्शन करने वाले लोगों की संख्या भी उन्हें दर्ज करना होगा। दर्शन का समय, तारीख व अपने जिले की जानकारी भी देनी होगी। नाम और पता की जानकारी आधार कार्ड के अनुरूप देनी होगी। घोषणा पत्र में यह भी बताना होगा कि वे झारखंड के निवासी हैं और कोरोना संक्रमित नहीं हैं। दर्शन के दौरान फोटो पहचान पत्र पास में रखना अनिवार्य होगा। वर्तमान व्यवस्था के तहत एक व्यक्ति को दोबारा पूजा करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का इंतजार करना पड़ेगा। गंभीर रूप से बीमार व गर्भवती माताओं के आने पर रोक है। आवेदक की आयु 10 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ितों को पूजा की अनुमति नहीं मिलेगी। संक्रमण से बचने के लिए निर्धारित मानकों का अनुपालन करना होगा। राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ कल बाबा मंदिर दर्शन के लिए पहुंचीं, परंतु उन्हें वीआइपी गेट के पास इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उनके पास दर्शन के लिए ई-पास नहीं था। अलबत्ता उन्होंने वहां मौजूद पदाधिकारियों को अपनी पहचान भी बताई, लेकिन नियम व कानून का हवाला देकर पदाधिकारियों ने उन्हें प्रवेश से रोके रखा। इस कारण कुछ देर के लिए असमंजस की स्थिति कायम हो गई। इसके बाद इसकी जानकारी जिले के वरीय पदाधिकारियों को दी गई, तब जाकर उन्हें दर्शन की अनुमति मिली। ई-पास के बारे में पूछे जाने पर नीरा यादव ने बात को टाल दिया। दोबारा पूछे जाने पर हर हर महादेव कहते हुए मंदिर से बाहर निकल गईं। इधर इस बात की जानकारी जब वहां मौजूद पुरोहितों को हुई तो उनमें से कुछ ने पूर्व मंत्री को वीआइपी व्यवस्था देने पर विरोध दर्ज कराया। उधर भादो पूर्णिमा के मौके पर बाबा का दरबार खाली-खाली नजर आया। हालांकि बुधवार को दर्शन के लिए 200 लोगों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया था, लेकिन 113 लोग ही दर्शन करने आए। बाबा का पट सुबह 4ः10 बजे खुला। सरकारी पूजा पुजारी छोटेलाल झा ने की।

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