रांची। सरकार गठन के बाद से ही राज्य की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। राज्य में स्थापित विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास गुणवत्तापूर्ण मिले इस निमित्त राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि झारखंड के शिक्षित और प्रशिक्षित हर युवा को रोजगार का सुनिश्चित अवसर मिले इस सोच के साथ कार्य योजना तैयार की जा रही है। राज्य में जल्द ही कौशल विद्या उद्यमशीलता डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। उक्त बातें आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की बैठक में कहीं।

रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली के विकास पर जोर

मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली व्यवस्था विकसित हो इस निमित्त कई विभिन्न विश्वविद्यालयों के संस्थापकों से लगातार विचार-विमर्श की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास में जिन विषयों पर युवाओं को प्रशिक्षित करें उसके लिए औद्योगिक तथा व्यवसायिक गतिविधियों के साथ-साथ स्थानीय आवश्यकताओं का भी अध्ययन किया जाना चाहिए, जिससे शिक्षित तथा प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से तत्काल जोड़ा जा सके। बैठक में कौशल विद्या उद्यमशीलता डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी के एजुकेशनल स्ट्रक्चर की विस्तृत जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई।
मुख्यमंत्री ने पाठ्यक्रमों में सिविल एवियशन कोर्स शामिल करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नवनिर्मित 8 पॉलीटेक्निक संस्थानों को सर्वप्रथम इस स्किल यूनिवर्सिटी से जोड़ा जाएगा। इस कार्य में प्रेझा फाउंडेशन की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव  के.के. खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, प्रेझा फाउंडेशन के सीईओ  कल्याण चक्रवर्ती, चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर  मीनाक्षी कुमार, टीम सदस्य  चितरंजन एवं सुश्री शिप्रा, आर्का जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस.एस. रज्जी, निदेशक डॉ अमित श्रीवास्तव एवं रजिस्ट्रार डॉ जसबीर धांजल एवं अन्य उपस्थित थे।

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