रांची। झारखंड के मिडिल स्कूलों में करीब 3000 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होगी। आधे पदों पर जहां सीधी नियुक्ति की जाएगी वही आधे पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जाएंगे। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जिलों से कार्यरत प्रधानाध्यापकों, उनके खाली पद और प्रोन्नति पाने वाले शिक्षकों की लिस्ट जिलों से मांगी गई है। जिलों से जानकारी आने के बाद विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू की जा सकेगी।
प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिलों से मांगी गई रिपोर्ट में ग्रेड-4 में भाषा, कला और विज्ञान विषय के शिक्षकों की प्रोन्नति के साथ-साथ सीधी नियुक्ति के लिए स्वीकृत पद, कार्यरत और खाली पदों की संख्या की मांग की गई है। इसके अलावा, प्रधानाध्यापकों के स्वीकृत, कार्यरत और खाली पदों की जानकारी जिलों से मांगी गई है। जिलों से रिपोर्ट आने के बाद सरकार प्रोन्नति संबंधी मामलों का निपटारा करेगी और प्रधानाध्यापकों के खाली पदों पर नियुक्ति हो सकेगी।
राज्य में 150 से भी कम प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। सूत्रों की माने तो मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की संख्या 100 से भी नीचे पहुंच गई है। बाकी स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापक के भरोसे ही चल रहे हैं। सालों से शिक्षकों का प्रमोशन नहीं होने पर प्रधानाध्यापकों के पद खाली हैं।
राज्य के नौ जिलों में एक भी मिडिल स्कूल में स्थाई प्रधानाध्यापक नहीं हैं। लोहरदगा, साहिबगंज, चतरा, सरायकेला खरसावां, हजारीबाग, कोडरमा, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़ और रामगढ़ में एक भी प्रधानाध्यापक नहीं है। वहीं धनबाद, खूंटी व सिमडेगा में एक-एक प्रधानाध्यापक ही कार्यरत हैं।