आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन को सफल बनाने के कई तरीके बताए हैं. कामयाब होने के लिए मेहनत सभी करते हैं, लेकिन कई बार व्यक्ति को हार का सामना करना पड़ता है. ऐसे में चाणक्य की इन नीतियों को फॉलो किया जा सकता है, जिसका जिक्र उन्होंने अपनी किताब चाणक्य नीति में किया है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को प्रयास करते रहना चाहिए, क्योंकि जब तक व्यक्ति साहस नहीं दिखाता तब तक जीवन की रेस में जीत हासिल करना उसके लिए मुश्किल है. चाणक्य की नीतियों पर चलकर सम्राट बनने वाले चंद्रगुप्त मौर्य ने एक बार आचार्य चाणक्य से पूछा कि किस्मत तो पहले ही लिखी जा चुकी है, तो फिर कुछ भी क्यों किया जाए, जो लिखा होगा वही होगा. इस पर आचार्य चाणक्य ने जवाब दिया कि क्या पता किस्मत में लिखा हो कि कोशिश करने से कामयाबी मिलेगी.

चाणक्य कहते हैं कि इंसान को राशि और भाग्य के बजाय अपने कर्मों पर भरोसा करना चाहिए. आगे चाणक्य कहते हैं कि राम और रावण दोनों एक ही राशि के थे, लेकिन उन्हें परिणाम उनके कर्मों  के मुताबिक मिला. वहीं, चाणक्य कहते हैं कि किसी भी इंसान के खराब समय में उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि समय बदलते देर नहीं लगती, क्योंकि समय के साथ कोयला भी धीरे-धीरे हीरे में बदल जाता है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सफल जीवन व्यतीत करने की चाहत रखने वाले व्यक्ति को बहरा हो जाना चाहिए. उन्हें संसार की किसी भी ऐसी बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए जिससे उनका मनोबल नीचे हो जाए. चाणक्य कहते हैं कि कुछ न करने वाले व्यक्ति हमेशा मनोबल गिराने का काम करते हैं. वहीं, चाणक्य ये भी कहते हैं कि  खुद की तुलना किसी और से कभी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सभी का समय अलग-अलग होता है, ठीक वैसे जैसे सूर्य और चंद्रमा भी अलग-अलग समय पर चमकते हैं.

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