News Samvad : भारत के डी गुकेश शतरंज के नये सिकंदर बन गये हैं। 18 साल 8 महीने के डी गुकेश शतरंज का वर्ल्ड चैंपियन बन दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गये। गुकेश ने गुरुवार को विश्व चैंपियनशिप की 14वीं और अंतिम बाजी में चीन के विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को काले मोहरों से खेलने के बावजूद हरा दिया। जीत के साथ गुकेश के 7.5 अंक हो गए। उन्होंने यह मुकाबला 7.5-6.5 से जीत कर विश्व खिताब जीता। इस शानदार जीत हासिल करने के बाद गुकेश भावुक हो गये। उनकी आखों से झर-झर आंसू बहने लगे। वह खुद पर काबू करने की काफी कोशिश कर हे थे, पर उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। गुकेश दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपाने की कोशिश की पर कैमरे ने उनके इस भावुक पल को कैद कर लिया। वे फूट-फूट कर रोने लगे।

सिंगापुर में हो रहे विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 के 14वें दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम करने वाले डी गुकेश ने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारतीय ग्रैंड मास्टर चैंपियनशिप की शुरुआत में पीछे थे, क्योंकि उन्हें शुरुआती राउंड में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, गुकेश ने तीसरे राउंड में वापसी करते हुए फाइनल में बराबरी हासिल की। गुकेश ने 11वें राउंड में बढ़त हासिल की थी, लेकिन इसके बाद डिंग ने बेहतरीन पलटवार किया और 12वां राउंड जीतकर मैच बराबर कर लिया, 13वां राउंड ड्रा रहा और इसके बाद गुकेश ने 14वां और अंतिम राउंड जीतकर मैच खिताब अपने नाम किया। गुकेश ने इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था।

विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय बने गुकेश

इसके अलावा विश्वनाथन आनंद के बाद गुकेश दूसरे भारतीय हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। विश्वनाथन आनंद 2000-2002, 2007-2013 तक विश्व चैंपियन रहे थे।

सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बने गुकेश

गुकेश 18 वर्ष 8 महीने 14 दिन में विश्व शतरंज चैंपियन बने, जबकि गैरी कास्परोव ने 9 नवंबर, 1985 को 22 वर्ष 6 महीने 27 दिन में यह उपलब्धि हासिल की थी, इस सूची में तीसरे नंबर पर मैग्नस कार्लसन हैं, जिन्होंने 23 नवंबर, 2013 को 22 वर्ष 11 महीने 24 दिन में विश्व चैंपियन का ताज पहना था। इस सूची में नंबर चार पर मिखाइल ताल ( 23 वर्ष 5 महीने 28 दिन – 7 मई, 1960), पांचवें स्थान पर अनातोली कार्पोव (23 वर्ष 10 महीने 11 दिन – 3 अप्रैल, 1975), छठे स्थान पर व्लादिमीर क्रैमनिक (25 वर्ष 4 महीने 10 दिन – 4 नवंबर, 2000) और सातवें स्थान पर इमानुएल लास्कर (25 वर्ष 5 महीने 2 दिन – 26 मई, 1894) हैं।

डिंग लिरेन की गलती का एहसास होना उनके जीवन का सबसे अच्छा क्षण : गुकेश

भारतीय ग्रैंड मास्टर डी. गुकेश ने गुरुवार को सिंगापुर में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद कहा कि 14वें गेम के अंतिम चरण में डिंग लिरेन की गलती का एहसास होना उनके जीवन का सबसे अच्छा क्षण था। खिताब जीतने के बाद गुकेश ने कहा, “वास्तव में, जब उन्होंने Rf2 खेला, तो मुझे एहसास नहीं हुआ, मैं लगभग Rb3 खेलने जा रहा था, लेकिन फिर मैंने देखा कि उनका बिशप वास्तव में फंस गया है और Ke1 के बाद, मेरे पास Ke5 है और प्यादा अंत है जो जीत रहा है। जब मुझे एहसास हुआ, तो यह शायद मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण था।”

डिंग के बारे में गुकेश ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि डिंग कौन है और वह कई वर्षों से इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है, इस मैच में उसने जिस तरह की लड़ाई लड़ी, उससे पता चलता है कि वह कितना सच्चा चैंपियन है और कोई भी डिंग के बारे में कुछ भी कहे, मेरे लिए वह एक असली विश्व चैंपियन है। जब मौका आता है तो चैंपियन हमेशा आगे आते हैं। वह पिछले दो वर्षों से बहुत अच्छी स्थिति में नहीं था, लेकिन वह यहाँ आया। वह स्पष्ट रूप से खेलों के दौरान संघर्ष कर रहा था और शारीरिक रूप से सर्वश्रेष्ठ नहीं था, लेकिन उसने सभी खेलों में लड़ाई लड़ी और एक सच्चे चैंपियन की तरह लड़ा और मुझे डिंग और उसकी टीम के लिए वास्तव में खेद है। उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।”

मैंने साल का अपना सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट खेला : डिंग

वहीं, हार के बाद डिंग ने कहा, “जब मैंने गलती की तो मैं पूरी तरह सदमे में था – उसके चेहरे के भाव से पता चलता है कि वह बहुत उत्साहित और खुश था – इसे समझने में थोड़ा समय लगा… लेकिन अन्यथा ड्रॉ करना पहले से ही इतना आसान नहीं है। मुझे लगता है कि मैंने साल का अपना सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट खेला। यह बेहतर हो सकता था, लेकिन मुझे कोई पछतावा नहीं है।” डिंग ने यह भी स्पष्ट करते हुए कहा कि वह खेल से संन्यास नहीं ले रहे हैं।

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