लंदन। ब्रिटेन शुक्रवार को औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से अलग हो गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन का यूरोपीय संघ के साथ 47 साल पुराना नाता टूट गया और उसकी सदस्यता औपचारिक रूप से समाप्त हो गई। 28 देशों के इस समूह से अलग होने के लिए वर्ष 2016 में ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह कराया गया था।

जनमत संग्रह पर जनता की मुहर लगने के बाद भी ब्रिटेन को अलग होने में करीब 43 महीने का वक्त लग गया। वहीं, संसद में गतिरोध के चलते तीन बार ब्रेक्जिट की समय सीमा बढ़ाई गई। संसद से प्रस्ताव पारित नहीं होने पर पिछले साल कंज़रवेटिव नेता थेरेसा मे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री बने थे।

जैसे ही घड़ी में रात के11 बजे, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस क्षण को देश के जीवन में अद्भुत बदलाव का क्षण बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हम यूरोपीय संघ से अलग हो गए हैं। आइए, हम सब मिलकर उन सभी अवसरों का भरपूर लाभ उठाएं जो ब्रेक्जिट लेकर आएगा।

उल्लेखनीय है कि इस फैसले के साथ ही ब्रिटेन अब 11 महीने के ट्रांजिशन पीरियड में प्रवेश कर गया है। यह पीरियड यूरोपीय संघ और ब्रिटिश सरकार के बीच सहमति से तय किया गया है। इसके मुताबिक 31 दिसम्बर तक ब्रिटेन के लोग यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में काम कर सकेंगे और कारोबार आदि कर सकेंगे। साथ ही यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नागरिक भी 31 दिसम्बर तक ब्रिटेन में काम और कारोबार कर सकेंगे। बदलाव ये होगा कि अब ब्रिटेन का यूरोपीय संघ के संस्थाओं में प्रतिनिधित्व नहीं होगा। औपचारिक बातचीत 03 मार्च से शुरू होगी। इस बीच दोनों पक्ष अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित करेंगे।

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