नेपीडा। चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग और और म्यांमार की नेता आंग सान सू की के बीच शनिवार को एक बैठक हुई। बैठक में विशाल बुनियादी ढांचा निर्माण संबंधी कई समझौते हुए।

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग म्यांमार की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। साल 2017 में हुई सैन्य कार्रवाई में करीब 7,40,000 रोहिंग्या मुसलमानों को सीमा पार कर बांग्लादेश जाने को मजबूर होना पड़ा। इस कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र ने नरसंहार का नाम दिया था, लेकिन इन आलोचनाओं के बाद भी चीन म्यामांर के साथ मजबूती से खड़ा रहा।

शनिवार को इन दोनों शीर्ष नेताओं की मुलाकात के दौरान 30 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक शुक्रवार को यहां पहुंचने के बाद शी ने इस यात्रा को दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों के लिए एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया। उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों में ईमानदारी न होने और असमानता’’ का भी जिक्र किया, जिसे कुछ हद तक अमेरिका के संदर्भ में माना जा सकता है।

म्यामांर की नेता सू की ने कहा है कि उनका देश हमेशा चीन की तरफ रहेगा। रोहिंग्या पर कार्रवाई को लेकर सेना का बचाव करने के लिए पश्चिमी देशों ने सू की की आलोचना की थी।

उल्लेखनीय है कि चीन म्यांमार के लिए आर्थिक जीवनरेखा है। दोनों देशों में पिछले साल 16.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ और म्यामांर के विदेशी कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा (40 प्रतिशत) चीन से लिया गया कर्ज है।

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