वाशिंगटन। भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधु ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सामरिक और व्यापारिक सम्बन्धों पर जोर दिया है। उन्होंने भारतीय अमेरिकी व्यवसाइयों के बीच एक गोष्ठी में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों से आज हमारा कारोबार दस प्रति वर्ष की गति से 160 अरब डालर तक पहुंच गया है, जबकि विनियोजन भी साठ अरब डॉलर तक पहुंचा है। भारतीय अमेरिकी व्यापारियों के संगठन ने राजदूत तरनजीत संधु के सम्मान में एक सम्मेलन का आयोजन किया था।

उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी व्यापारिक संबंधों से वह आह्लादित हैं और इसे भविष्य में नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिकी निवेश और तकनीकी लोगों का एक समूह जब भारतीय बाज़ार पर निगाहें दौड़ाएगा तो निश्चित रूप से उसे आसमान छूने की तमन्ना भी होगी। उन्होंने कहा कि भारत में दो हज़ार अमेरिकी कंपनियां कार्यरत हैं जबकि अमेरिका में दो सौ कंपनियां हैं। भारतीय कंपनियों ने 18 अरब डॉलर का निवेश किया है और दस हजार रोज़गार खड़े किए हैं।

भारतीय राजदूत ने भारतीय उद्यमियों को स्मरण कराया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बढ़िया संबंधों के कारण आज हमें व्यापार जगत में नई ऊंचाइयां छूने से कोई नहीं रोक सकता। इन्हीं संबंधों से नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने भारतीय इकानमी को तीन ख़रब डॉलर से बढ़ा कर सन 2024 में पांच ख़रब डॉलर और सन 2030 में इसे दस ख़रब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संदर्भ में प्रधान मंत्री ने अमेरिका को अपना एक सहयोगी माना है।

उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ सालों में शिक्षा, चिकित्सा, डिजिटल और आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस से लेकर अंतरिक्ष में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जो आज दुनिया के सामने उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड आईटी क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रहा है।

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