श्रीलंका। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे से डीलर्स भी परेशान हैं। ईंधन महंगा होने का संकट सिर्फ भारत में ही लोग नहीं झेल रहे हैं, पड़ोस के देश श्रीलंका में भी हालत काफी बुरी है। वहां इस समय पेट्रोल की कीमत 177 रुपये और डीजल 121 रुपये प्रति लीटर है। इसकी वजह से आम लोग काफी परेशानी में रह रहे हैं। पड़ोसी देश में महंगाई का आलम यह है कि वहां की सरकार के पास आयातों का बिल चुकाने के लिए विदेशी मुद्रा न के बराबर बची है। अब वे भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

 

श्रीलंका की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की स्थानीय सहायक इकाई ने देश में विदेशी मुद्रा भंडार के गंभीर संकट के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा दी हैं। दूसरी ओर सरकार ने कहा है कि भारत और ओमान के साथ ईंधन खरीद के लिए ऋण सहायता पर बातचीत की जा रही है।

 

 

सरकारी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) ने सरकार से कीमतों में बढ़ोतरी की मांग की थी। हालांकि, सरकार ने उन्हें अक्टूबर के बाद से अब तक ईंधन की कीमतें बढ़ाने की अनुमति नहीं दी थी। ताजा फैसले में सीपीसी ने पेट्रोल की कीमत में 20 रुपये और डीजल की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी की है। अब वहां पेट्रोल 177 रुपये और डीजल 121 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है।

 

 

श्रीलंका इस समय एक गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी लंका आईओसी (LIOC) का पेट्रोल 95 ऑक्टेन सीपीसी से तीन रुपये महंगा होगा। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा संकट की हालत यह है कि दिसंबर की शुरुआत में सिर्फ एक महीने के आयात के लिए मुद्रा थी। नवंबर में, डॉलर के संकट के कारण द्वीपीय राष्ट्र की एकमात्र रिफाइनरी को बंद करने का आदेश दिया गया था। सरकार ने इसके बजाय तैयार पेट्रोलियम उत्पादों के आयात का विकल्प चुना है।

 

 

सरकार ने कहा कि भारत और ओमान के साथ ईंधन खरीद के लिए क्रेडिट लाइन तय करने के लिए बातचीत चल रही है। हाल ही में, न्यूयॉर्क स्थित रेटिंग एजेंसी फिच ने श्रीलंका की सॉवरेन रेटिंग को यह कहते हुए कि आने वाले महीनों में देश की बिगड़ती बाहरी तरलता की स्थिति में विदेशी मुद्रा में गिरावट के कारण डिफॉल्ट की संभावना बढ़ गई है, ‘सीसीसी’ से घटाकर ‘सीसी’ कर दिया था।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए बाहरी वित्तपोषण स्रोतों के अभाव में सरकार के लिए 2022 और 2023 में अपने विदेशी ऋण दायित्वों को पूरा करना मुश्किल होगा। फिच ने कहा कि श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में उच्च आयात बिल और सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका द्वारा विदेशी मुद्रा हस्तक्षेप के संयोजन के कारण अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से गिरावट आई है।

 

अगस्त के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है, जो नवंबर के अंत में 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गया है। यह मौजूदा बाहरी भुगतान (सीएक्सपी) के एक महीने से भी कम समय के बराबर है। यह 2020 के अंत से लगभग 4 बिलियन अमरीकी डालर के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट काे दिखाता है।

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