वॉशिंगटन। किम जोंग की मौजूदगी में उत्तर कोरिया ने मंगलवार को हाइपरसोनिक मिसाइल का फिर से सफल परीक्षण किया है। यह दावा उत्तर कोरिया ने किया है। इससे पहले पिछले बुधवार को और गुरुवार को भी उत्तर कोरिया ने दो मिसाइल का परीक्षण किया था। तब भी दावा किया था कि यह हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण था।
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया केसीएनए के मुताबिक, मंगलवार को परीक्षण किए मिसाइल ने एक हजार किलोमीटर दूर मौजूद निशाना बनाया और इसके पहले टर्न भी लिया था। विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया कि परीक्षण के दौरान किम जोंग उन की मौजूदगी साबित करती है कि उत्तर कोरिया ने इस तकनीक को हासिल करने में कुछ कामयाबी हासिल की है। 1 जनवरी को किम ने कहा भी था कि इस साल देश अपनी सुरक्षा को और बेहतर बनाएगा।
उत्तर कोरिया के हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका समेत 6 देशों ने चिंता जताई है। दक्षिण कोरिया ने पहले तो इन परीक्षणों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी लेकिन बाद में कहा कि उत्तर कोरिया ने कुछ तकनीकी सुधार कर लिए हैं। उत्तर कोरिया ने कहा कि हमने बेहतरीन कामयाबी हासिल की है। हमारी मिसाइल ने छह सौ किलोमीटर ग्लाइड जम्प फ्लाइट पूरी की, इसके बाद टर्न होकर 240 किलोमीटर दूरी पूरी की। उत्तर कोरिया ने सितंबर 2021 में हाइपरसोनिक मिसाइलों के टेस्ट शुरू किए थे।
चीन ने पिछले महीने इस तरह की एक मिसाइल का टेस्ट किया था। माना यह जाता है कि अमेरिका और रूस के पास इस तरह की मिसाइलें पहले से मौजूद हैं। भारत, फ्रांस और जर्मनी भी इस तकनीक पर काम कर रहे हैं। अब उत्तर कोरिया इस पर तेजी से काम कर रहा है और उसे चीन की मदद मिल रही है।
मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका ने उत्तर कोरिया व एक रूसी फर्म पर लगाए प्रतिबंध
उत्तर कोरिया के हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षणों पर कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने बुधवार को छह उत्तर कोरियाई, एक रूसी फर्म पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह रूसी फर्म उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों के लिए रूस और चीन से सामान खरीदने के लिए जिम्मेदार है।
दरअसल, उत्तर कोरिया ने पिछले सप्ताह से उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण किए थे। इससे पहले अमेरिका ने प्योंगयांग के परमाणु बम और मिसाइलों कार्यक्रम को रोकने के लिए बातचीत करके उसे परमाणु कार्यक्रमों से दूर रहने की असफल कोशिश की थी।
बुधवार काे एक बयान में कहा गया है कि सितंबर के बाद से छह उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइल परिक्षण किए, जिनमें से प्रत्येक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन किया। आतंकवाद और वित्तीय खुफिया के लिए ट्रेजरी के अवर सचिव ब्रायन नेल्सन ने कहा कि इस कदम ने उत्तर कोरिया के “अवैध रूप से हथियारों के लिए सामान खरीदने के लिए विदेशी प्रतिनिधियों के निरंतर उपयोग” को लक्षित किया।