अफगान तालिबान (taliban) के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को कुछ पक्षों की तरफ से अफगानिस्तान की तरफ से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन अफगानिस्तान (Afghanistan) का इससे कोई लेना देना नहीं है.

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों को भारत सरकार की ओर से हटाने जाने पर अफगान तालिबान (Taliban) ने प्रतिक्रिया दी है. अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कश्मीर मुद्दे (Article 370) को कुछ पक्षों की तरफ से अफगानिस्तान की तरफ से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि इससे अफगानिस्तान (Afghanistan) का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान से इस मुद्दे पर शांति की अपील की है.

जबीहउल्लाह ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) को भारत-पाकिस्तान के बीच प्रतिस्पर्धा का मंच न बनाए जाए. माना जा रहा है कि तालिबान का इशारा पाकिस्तान के विपक्षी नेता शाहबाज शरीफ के उस बयान की ओर था, जिसमें उन्होंने संसद में दोनों जगह के हालात की तुलना की थी. शरीफ ने पाकिस्तान की इमरान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था, ‘ऐसा क्यों लग रहा है कि अफगान के लोग काबुल में बैठकर शांत का आनंद ले रहे हैं, लेकिन कश्मीर में खून बह रहा है? हमें ये मंजूर नहीं है.’ उनके इस बयान के बाद अफगान नागरिकों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई थी.

Pak को अमेरिका से मदद की उम्मीद
दरअसल, पाकिस्तान की नजर इस बात पर है कि यदि वह अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देता है तो अमेरिका से उसे कश्मीर मसले पर मदद मिलेगी. इसलिए वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने जाने को लेकर भारत को गीदड़ भभकी दे रहा है.

पाक को संरक्षक मानता है तालिबान
बता दें कि बीते कई सालों से तालिबान पाकिस्तान को अपना संरक्षक मानता रहा है. पाकिस्तान ने उसे अपनी सरजमीं पर पलने-बढ़ने और उसके आतंकियों को ट्रेनिंग देने में काफी मदद की थी. ऐसे में वह इस मुद्दे पर उसका समर्थन चाहता है.

भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया, जिसमें पाकिस्तान से नाराज प्रतिक्रिया व्यक्त की गई. पाकिस्तान ने राष्ट्रों के बीच गंभीर राजनयिक संबंधों के लिए कई कदम उठाए और भारतीय राजदूत को भी निष्कासित कर दिया.

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