रूस में पुतिन सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन आयोजित हुए हैं जिसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया है. विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी के विरोध में रूस के करीब 100 शहरों में लोग सड़कों पर निकल पड़े. पुलिस ने प्रदर्शनकारी पर सख्त कार्रवाई की है और 3 हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की गई है. नवेलनी की पत्नी यूलिया को भी प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया.
मॉस्को में पुलिस प्रदर्शनाकारियों को पीटती और घसीटती हुई दिखी. विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी 17 जनवरी को की गई थी. नवेलनी पुतिन के सबसे चर्चित आलोचक के रूप में जाने जाते हैं. अगस्त 2020 में रूस में नवेलनी को जहर दे दिया गया था. इसके बाद वे जर्मनी आ गए थे. बर्लिन से मॉस्को पहुंचते ही उन्हें हिरासत में लिया गया. नवेलनी को पैरोल की शर्तों को तोड़ने का दोषी भी करार दिया गया है. हालांकि, नवेलनी का कहना है कि उन्हें चुप कराने के लिए साजिश की गई है.
स्वतंत्र एनजीओ ओवीडी इन्फो का कहना है कि सिर्फ मॉस्को में पुलिस ने 1200 लोगों को गिरफ्तार किया है और पूरे रूस में 3100 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की गई है. प्रदर्शनकारियों ने नवेलनी की रिहाई की मांग की और ‘पुतिन सत्ता छोड़ो’ के नारे लगाए.
रूस के सुदूर पूर्वी इलाकों से लेकर साइबेरिया, मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग तक लोगों ने प्रदर्शन किए. प्रदर्शनकारियों में टीनेज छात्र और बुजुर्ग लोग भी शामिल थे. एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि रूस जेल में बदल चुका है, इसलिए उन्होंने प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला किया.
मॉस्को में 40 हजार लोगों ने रैली में हिस्सा लिया. हालांकि, रूस सरकार का कहना है कि 4 हजार प्रदर्शनकारी ही थे. एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस में इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की घटना अभूतपूर्व है. 53 साल के एक शख्स ने कहा कि वे डर-डरकर थक गए हैं. उन्होंने कहा कि हम नवेलनी या अपने लिए नहीं आए हैं, बल्कि अपने बेटे के लिए आए हैं क्योंकि रूस में कोई भविष्य नहीं दिख रहा है.