लॉस एंजेल्स। हॉलीवुड के वेदांत मंदिर में मां शारदा का 169वां जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सुबह दस बजे से पूजा, मंगल आरती, ध्यान, पुष्पांजलि और महाप्रसाद के साथ मां की स्मृति में संगीत कार्यक्रम किया गया।
लॉस एंजेल्स में भारतीय समुदाय के एक अग्रणी ‘सेरीटास म्यूज़िकल सर्किल’ के डेढ़ दर्जन उदीयमान भरतवंशी संगीतकारों ने ग्रुप के निदेशक सुमन लाहा के नेतृत्व में ‘जगत जननी, जगदंबे भवानी…’ गीत गाया। सभागार में बैठे मां के भक्त झूम उठे। इस अवसर पर वेदांत मंदिर के प्रमुख सर्वदेवानंद ने कहा कि सचमुच मां शारदा जगत जननी हैं।
सुमन लाहा ने बताया कि वह मूलत: बंगाली समुदाय से हैं। उनका पालन-पोषण कोलकाता में हुआ है। बाद में वह दिल्ली चले आए और राम कृष्ण पुरम और चितरंजन पार्क में रहते हुए संगीत की शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी से ली। वह करीब 20 वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं। उनसे श्वेत, अश्वेत और अधिकतर भारतीय बच्चे संगीत सीखने आते हैं।
कार्यक्रम में 11 वर्षीय तीन बच्चे समृद्ध (हारमोनियम), शेखर भट्टाचार्य (सितार) और अन्या शुक्ला (की बोर्ड व हारमोनियम) ने तीन-चार साल में बहुत कुछ सीखा है और बहुत प्रतिभाशाली हैं। मंडली के तबला वादक ज्योति प्रकाश ने सभी का दिल जीत लिया।
उन्होंने बताया कि कोलकाता के बेल्लूर मठ में मां शारदा का भव्य मंदिर है। मां शारदा का जन्म 22 दिसम्बर 1853 को बंगाल के छोटे से ग्राम जयरामबाटी में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस का विवाह शारदा से जब हुआ था, तब वह मात्र पांच वर्ष की थीं। राम कृष्ण परमहंस से शारदा का विवाह अल्पायु आयु में अवश्य हो गया था, लेकिन यह आलैाकिक था। अठारह वर्ष की आयु में रामकृष्ण के पास शारदा कोलकाता आई तो उन्होंने उनमें मां काली का स्वरूप देखा और वह तब से स्वामी विवेकानंद सहित राम कृष्ण के सभी शिष्यों में जगत माता के रूप में चर्चित हुईं। वेदांत सोसाइटी के राम कृष्ण मंदिर अमेरिका के सभी बड़े नगरों शिकागो, न्यू यॉर्क, ह्यूस्टन आदि नगरों में हैं।