पोर्ट-ऑ-प्रिंस, 17 फ़रवरी (स्वदेश टुडे)। कैरेबियाई देश हैती भीषण भूकंप से हुई तबाही के छह माह बाद भी उबर नहीं सका है। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने अब हैती में पुनर्निर्माण व जनजीवन की बहाली के लिए मुहिम शुरू की है।
इसे भी पढ़ें- आम आदमी को लगने वाला है बड़ा झटका, भारत में Petrol Diesel 5-6 रुपये लीटर महंगा!
इसे भी पढ़ें- अब नहीं होगी जंग? यूक्रेन बॉर्डर से रूसी सैन्य टुकड़ियों की वापसी शुरू; जानें कैसे रुका सबसे बड़ा विश्वयुद्ध
इसे भी पढ़ें-DJ हुआ बंद तो घोड़ी पर बैठ कर थाने पहुंचा दूल्हा और पूरी बारात इसके बाद…
इसे भी पढ़ें-Tata-Birla नहीं, ये है हिंदुस्तान की सबसे पुरानी कंपनी, जहाज बनाने से शुरुआत
इसे भी पढ़ें-Paytm ने आम आदमी से लेकर बड़े अमीरों को दिया जोर का झटका; जानें क्या हुआ?
इसे भी पढ़ें-17 फरवरी से शुरू फाल्गुन माह, देखें व्रत-त्योहार की लिस्ट
इसे भी पढ़ें-Smartphone से लेकर Refrigerator तक, जानिए 1 अप्रैल से क्या होगा सस्ता और महंगा
इसे भी देखें- रिश्वत लेने के आरोपी सब इंस्पेक्टर को पकड़ने 1 KM तक दौड़ी एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम
इसे भी पढ़ें- ‘पापा आप के राज में कोई खुश नहीं रह सकता’…. लिख 11वीं मंजिल से कूदी फैशन डिजाइनर
हैती के लिए दो अरब डॉलर राशि जुटाने का लक्ष्य लेकर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संकल्प सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ की उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने वहां स्कूल व अस्पतालों की दुर्व्यवस्था पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए दुनिया से मदद की अपील की।
14 अगस्त 2021 को हैती के दक्षिण-पश्चिम इलाके में रिक्टर पैमाने पर 7.2 की तीव्रता वाले भूकंप ने व्यापक पैमाने पर तबाही मचायी थी। भूकंप के कारण दो हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 13 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। इससे हैती के बुनियादी ढाँचे को भी भीषण क्षति पहुँची थी। एक लाख 37 हज़ार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हुए थे और तीन लाख विद्यार्थी आजतक स्कूल नहीं लौट सके हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ की उपमहासचिव आमिना मोहम्मद के अनुसार हैती एकबार फिर चौराहे पर खड़ा है। वहां 95 से अधिक अस्पताल बंद हो गए हैं। सड़कें टूट जाने के कारण भूकंप प्रभावित इलाकों तक सहायता पहुंचाना कठिन हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण पर दो अरब डॉलर खर्च का अनुमान है। इसमें आधी से अधिक राशि से लोगों के घर बनाकर उनका पुनर्वास किया जाएगा। 40 करोड़ डॉलर शिक्षा व्यवस्था, चार करोड़ डॉलर स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने पर खर्च किये जाएंगे। इनके अलावा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए साढ़े पाँच करोड़ डॉलर की ज़रूरत होगी।