अमेरिका। रिएझाना विलियम्स नाम की ये महिला अपने पति के साथ कोलोराडो शहर के डेंवर हेल्थ केयर में एडमिट थी. ये कपल अपने बच्चे की डिलीवरी को नैचुरल तरीके से ही कराना चाहते थे.  इस महिला के पति ने फॉक्स 31 के साथ बातचीत में कहा कि डॉक्टर्स ने मेरी पत्नी की प्रसव पीड़ा को तेज करने के लिए एक दवा दी थी।

उन्होंने आगे कहा कि इसके कुछ ही मिनटों बाद इमरजेंसी सी-सेक्शन सर्जरी के लिए उसे ले जाया गया था.  हालांकि इस ऑपरेशन के बाद हम सब अपनी बच्ची की हालत देख काफी मायूस थे. उसके चेहरे के घाव को सील करने के लिए तुरंत प्लास्टिक सर्जन को बुलाना पड़ा था.

वही इस लड़की के दादा वॉल्टर विलियम्स ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपकी पोती को पैदा होते ही किसी प्लास्टिक सर्जन को दिखाना पड़े और 13 टांके लगवाने पड़े. मुझे अपनी पोती के हालातों को देखकर काफी दुख पहुंचा था. डॉक्टर्स को इस मामले में जिम्मेदारी लेनी ही चाहिए.

इस मामले में एडवांस प्रैक्टिस नर्स लिजा मर्क के मुताबिक सी-सेक्शन के दौरान बेबीज में ऐसे कट बेहद दुर्लभ हैं.

इस नेटवर्क ने साल 1999-2000 में 13 अलग-अलग अस्पतालों में 37 हजार सी-सेक्शन सर्जरी की जांच की थी और उन्होंने पाया था कि महज 0.7 प्रतिशत बच्चों को ही इस समस्या का शिकार होना पड़ा है.

 

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