नई दिल्ली। आपने प्रदूषण के कई रंग देखे होंगे, काली नदी, सूखे पेड़, धुंधला आसमान, आंखों को जलाता स्मॉग…क्या आपने गुलाबी प्रदूषण देखा है.

अर्जेंटीना का दक्षिणी पैटागोनिया इलाका इस समय ऐसे ही प्रदूषण से जूझ रहा है. इस प्रदूषण की वजह से नदी, लगून और झील गुलाबी हो गई है. साथ ही आसपास के कुछ पेड़-पौधे भी गुलाबी रंग में बदल गए हैं. इस प्रदूषण की वजह से आपके कहीं हल्का तो कहीं गहरा गुलाबी रंग दिखाई देगा.

 

दक्षिणी पैटागोनिया इलाके में स्थित है चुबूट नदी . यह नदी कॉर्फो लगून  में जाकर मिलती है. इस नदी के किनारे ही स्थित है द ट्रीलेव इंडस्ट्रियल प्लांट . इस प्लांट में सोडियम सल्फाइट  का उपयोग किया जाता है ताकि प्रॉन्स एक्सपोर्ट करने के लिए बैक्टीरिया से बचाया जा सके. सोडियम सल्फाइट एक एंटीबैक्टीरियल रसायन है.

 

अब यही सोडियम सल्फाइट इस नदी में जा रहा है, जिसकी वजह से पूरी नदी, लगून का कुछ हिस्सा गुलाबी हो गया है. यहां तक कि पेड़-पौधे भी गुलाबी दिखने लगे हैं. यह गुलाबी प्रदूषण बेहद भयावह नजारा सामने ला रहा है. पर्यावरण एक्टिविस्ट पाब्लो लाडा ने कहा कि इस प्लांट के जिम्मेदार लोग इस गुलाबी प्रदूषण  पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसे रोकने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है.

 

 

ट्रीलेव कस्बे के स्थानीय लोग भी प्लांट से निकलने वाले ट्रकों से परेशान हैं. इन ट्रकों में मछलियों के अवशेष और कचरे ढोए जाते हैं. ये ट्रक ट्रीटमेंट प्लांट में इन अवशेषों की सप्लाई करते हैं. इन्हें ट्रीलेव कस्बे के बीच से होकर गुजरना होता है. जिसकी वजह से पूरे कस्बे में दिन-रात गंदी बद्बू रहती है. इसलिए स्थानीय लोगों ने विरोध में ट्रकों को रोकना शुरू कर दिया. पाब्लो ने कहा कि हमें दिन भर में दर्जनों ट्रक्स दिखते थे, जो प्रदूषण और बीमारी फैलाने वाले कचरे को ढोते हैं.

लोगों के रोकने के बाद स्थानीय प्रशासन ने इन ट्रकों को कचरा डंप करने के लिए कॉर्फो लगून के पास जगह दे दी. ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने के बजाय इन्होंने कचरे को खुले में छोड़ दिया. ये कचरा ट्रीलेव के बाहरी इलाके में बहुतायत में पड़ा है.

सोडियम सल्फाइट एक सामान्य एंटीऑक्सीडेंट और प्रिजरवेटिव है. यह आमतौर पर पल्प और पेपर इंडस्ट्री में उपयोग किया जाता है. साथ ही फलों पर भी डाला जाता है ताकि उनका रंग न उतरे. मांस और मछलियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.

 

स्थानीय प्रशासन का दावा है कि अप्राकृतिक गुलाबी प्रदूषण  की वजह से सिर्फ नदी और लगून गुलाबी हुए हैं. इसकी वजह से आसपास के पेड़-पौधों पर कोई असर नहीं है. जहां थोड़े बहुत पेड़ पौधों में कुछ असर हुआ है, उसे और इस गुलाबी प्रदूषण को बहुत जल्द ठीक कर दिया जाएगा. इन्हें साफ कर दिया जाएगा.

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