चीन। भारत में चाय के दीवानों की कमी नहीं है. 21 मई को पूरी दुनिया में अंतरराष्‍ट्रीय चाय दिवस यानी ‘इंटरनेशनल टी डे’ के तौर पर मनाया जाता है. साल 2019 से पहले इसे हर साल 15 दिसंबर को मनाया जाता था. इस साल दूसरा मौका है, जब 21 मई को ‘इंटरनेशनल टी डे’ मनाया जाएगा.

यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की तरफ से भारत के अनुरोध पर 21 मई को ‘इंटरनेशनल टी डे’ के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था. यूएन (UN) की तरफ से इस दिन के आयोजन का मकसद चाय की खेती में लगे किसानों को पहचान दिलाना भी है.

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आइए आपको बताते है ‘द होंग पाओ’ (The Hong Pao Tea Cost) चाय के बारे में, जिसकी कीमत सोने से 30 गुना ज्‍यादा है. ये बात सुनकर आप हैरान जरूर हुए होंगे लेकिन क्या आपको पता है चीन के एक छोटे से शहर फुजियान के वूइसन एरिया में पाई जाने वाली ‘द होंग पाओ’ चाय (The Hong Pao Tea) सेहत के लिहाज से काफी लाभदायक मानी जाती है. एक खास पेड़ से तैयार ‘द होंग पाओ टी’ को जीवनदायनी माना जाता है, जिसकी वजह से इसकी एक घूंट करीब 9 करोड़ रुपए का है

क्यों है ये इतनी महंगी

साल 2002 में एक अमीर व्‍यवसायी ने इस चाय की 20 ग्राम मात्रा खरीदने के लिए 28 हजार डॉलर अदा किए थे.

दुनिया की सबसे महंगी चाय यानी असली ‘द होंग पाओ’ की एक ग्राम की कीमत के लिए आपको 1400 डॉलर अदा करने पड़ेंगे और अगर आपको यह चाय एक पॉट में चाहिए तो आपको 10,000 डॉलर से ज्‍यादा खर्च करने पड़ सकते हैं.

‘द होंग पाओ’ चाय दुनिया में सबसे महंगी है क्‍योंकि यह चाय जिस पेड़ से बनती है, अब वह ना के बराबर रह गए हैं. ऐसे में जो प्राचीन चाय संग्रहित करके रखी गई है, उसे अनमोल करार दिया जाता है. यह चाय जिस पेड़ से बनती थी, वे 300 साल तक पहाड़ों पर पाए जाते थे. कहा जाता है कि ‘द होंग पाओ’ चाय का उत्‍पादन करने वाला आखिरी पेड़ साल 2005 में खत्‍म हो गया था.

 

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