क्यूबा के दो लोग और एक महिला 33 दिनों से बाहामास के एक वीरान टापू पर फंसे हुए थे. इस टापू पर खाने के लिए नारियल के अलावा कुछ नहीं था. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन लोगों को यूएस कोस्ट गार्ड ने 9 फरवरी को सुरक्षित तरीके से इस द्वीप से बाहर निकाला . ये लोग पिछले एक महीने से भी अधिक समय से एंग्युएला के नाम की जगह पर फंसे हुए थे.

दरअसल यूएस कोस्ट गार्ड का हेलीकॉप्टर इस क्षेत्र में रूटीन गश्त लगा रहा था कि तभी एयरक्राफ्ट में बैठे पायलट की नजर एक लहराते हुए झंडे पर पड़ी. पायलट को एहसास हो गया था कि वहां मौजूद लोगों को मदद की जरूरत है. यूएस कोस्ट गार्ड उस क्षेत्र की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की हैं जहां इन लोगों ने अपना मेकशिफ्ट कैंप बनाया हुआ था. इसके बाद कोस्ट गार्ड के सदस्यों ने फूड के पैकेट्स और पानी हेलीकॉप्टर से इन लोगों की तरफ फेंका. इसके अलावा उन्होंने एक रेडियो भी फेंक दिया ताकि वे अपनी बात ठीक से कम्युनिकेट कर सकें.  इन तीनों लोगों को 8 फरवरी को स्पॉट कर लिया गया था लेकिन खराब मौसम के चलते ये रेस्क्यू अभियान अगले दिन जाकर पूरा हुआ.

इन लोगों को एयरलिफ्ट करने के बाद फ्लोरिडा के मेडिकल सेंटर ले जाया गया जहां इन लोगों का ट्रीटमेंट चल रहा है. इनमें से किसी को भी चोट नहीं आई है. इस मामले में प्रशासन का कहना था कि इन लोगों की बोट पलट गई थी जिसके बाद तीनों तैर कर इस द्वीप पर पहुंच गए थे. हालांकि इस वीरान टापू पर भी इन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और 33 दिनों तक ये लोग नारियल और चूहे खाकर अपने आपको जिंदा रखने में कामयाब रहे. कोस्ट गार्ड लेफ्टिनेंट जस्टिन ने बताया की पायलट ने कुछ अजीबोगरीब झंडे देखे थे. इनमें कई कलर्स थे. यही कारण था कि वो थोड़ा हैरान हुआ और जब उसने ध्यान से देखा तो उसे एहसास हुआ कि तीन लोग उसे सिग्नल कर रहे थे. जस्टिन ने कहा कि वो हैरान था कि एक महीने बाद भी ये तीनों लोग अच्छी शेप में थे.

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