सना। यमन बेस के प्रशिक्षण सैन्य शिविर पर रविवार को मिसाइल और ड्रोन से हुए हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है, जबकि 81 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

यह हमला उन सैनिकों के केन्द्र में रखकर किया गया जो सेंट्रल प्रोविंस मारेब में शाम की नमाज के लिए मस्जिद के पास एकत्रित हुए थे।

यमन सेना के प्रवक्ता अब्दू अब्दुल्लाह मजाली ने बताया कि यह हमला सऊदी अरब के समर्थन में किया गया।

यमन के विदेश मंत्री मोहम्मद अल हदरामी का कहना है कि मरने वालों का संख्या 100 से अधिक है। उन्होंने इसे एक ओछी आतंकी घटना बताया है जो सभी धर्मिक और मानवीय मूल्यों का उल्लंघन है।

यमन के हूथी विद्रोही जो कथित तौर पर सऊदी अरब के क्षेत्रीय प्रतिद्वंदी ईरान के साथ गठबंधन कर रहे हैं, ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। जबकि इस क्षेत्र में कोई अन्य संगठन नहीं है जो इस घटना को अंजाम दे सकगे।

उल्लेखनीय है कि यमन विश्व के गरीब देशों में से एक है। ये साल 2014 से तब से सिविल वॉर में जकड़ा है जबसे हूथियों ने राष्ट्र के उत्तरपूर्वी और सेना के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था।

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