लंदन: कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स ने ब्रिटेन निवासी एक 32 वर्षीय युवक की पूरी जिंदगी खराब कर दी.
दरअसल, AstraZeneca की वैक्सीन लेने के बाद युवक के ब्रेन में अल्ट्रा रेयर ब्लड क्लॉट बनने लगे, फिर उसकी याददाश्त कमजोर हो गई और फिर उसे बोलने में भी परेशानी होनी लगी. जिसके चलते उसे जबरन नौकरी से निकाल दिया गया. अब युवक ने मुआवजे की मांग करते हुए अदालत का रुख किया है.

छपी खबर के अनुसार, जोसेफ रॉबिन्सन उन 145 लोगों के समूह में शामिल हैं, जिन्होंने सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए मुआवजे की मांग की है. उनका दावा है कि कोरोना वैक्सीन की वजह से उन्हें कई तरह के दुष्प्रभाव झेलने पड़े, जिनसे उनका जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यहां तक कि उनके पास कमाई का साधन भी नहीं बचा है.

कैम्ब्रिज में रहने वाले जोसेफ रॉबिन्सन ने इस साल फरवरी में AstraZeneca वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी. इसके बाद उन्हें ब्रेन डैमेज का सामना करना पड़ा।

टीके की वजह से इनमें दुर्लभ रक्त संबंधी बीमारी Thrombotic Thrombocytopenic हुई, जिसके परिणामस्वरूप वह मेमोरी लॉस और स्पीच इम्पैर्मेंट का शिकार हो गए.

ब्रिटेन में टीके का शिकार हुए लोग वैक्सीन डैमेज पेमेंट स्कीम (VDP) के तहत £120,000 (करीब 1,65,060 डॉलर) हर्जाने की मांग कर रहे हैं. VDP की व्यवस्था 1979 में शुरू की गई थी. इसके तहत आवेदन करने वालों को यह साबित करना होता है कि टीकाकरण ने उन्हें 60 प्रतिशत विकलांग बना दिया है.

बता दें कि AstraZeneca से खून के थक्के जमने को लेकर बीच में कई खबरें आई थीं. UK में ऐसे 400 केस रिपोर्ट किए गए थे.

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