बिहार विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान हो गया है. 10 नवंबर को चुनावी नतीजे भी आ जाएंगे. पार्टियों ने चुनावी तैयारी के साथ अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) गठबंधन ने सत्ता में पुन: वापसी की बात कही है तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में परिवर्तन की बात दोहराई है. चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने एक दावे में कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो पहली ही कैबिनेट बैठक में बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी का आदेश देंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा, बिहार में 4 लाख 50 हजार रिक्तियां पहले से ही हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हजार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है. तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे.
पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे।
बिहार में 4 लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है।
तेजस्वी यादव बहुत पहले से रोजगार के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरते रहे हैं. उनका आरोप केंद्र सरकार पर भी कि युवाओं के नौकरी देने के नाम पर ठगा गया. बीते दिन तेजस्वी यादव ने कहा, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार में बिहार 26वें नंबर पर है. राज्य में निवेश और उद्योग लगाने में बिहार सबसे फिसड्डी राज्य है. उदारीकरण के बाद 15 वर्षों से सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार इन आंकड़ों पर बात क्यों नहीं करते?
किसानों के मुद्दे पर भी तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को घेरा है. कृषि बिल के खिलाफ पटना में उन्होंने ट्रैक्टर रैली निकाली जिसमें वे ट्रैक्टर चलाते दिखे. इस विरोध प्रदर्शन में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. कृषि बिल के खिलाफ तेजस्वी यादव ने कहा, एनडीए सरकार ने अन्नदाताओं को अपने फंडदाताओं की कठपुतली बना दिया है. जितनी हड़बड़ी में किसान बिल पास करवाया गया है इससे जाहिर होता है कि इसमें कुछ गड़बड़ी है. इस सरकार को किसान की शान और किसान की जान की रत्ती भर भी परवाह नहीं है.