बिहार। बिहार की कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव के नतीजे भी आ गए हैं. कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया और तल्ख बयानबाजियों के बीच दोनों सीट से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए. अब चुनाव परिणाम आ चुके हैं.

उपचुनाव में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने दोनों सीट पर कब्जा बरकरार रखा. दोनों सीट पर जेडीयू को आरजेडी ने टक्कर दी. नई पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और नए चुनाव निशान के साथ चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. चिराग की पार्टी दोनों ही सीट से तीसरे स्थान पर रही है. सबसे खराब स्थिति कांग्रेस की ही हुई.

कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार जीत तो दूर, अपनी जमानत बचाने में भी नाकाम रहे. कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का दंभ भर रही कांग्रेस जमानत बचाने के लिए जरूरी वोट भी नहीं प्राप्त कर सकी. कांग्रेस पार्टी वोट के लिहाज से चिराग पासवान की पार्टी से भी खराब स्थिति में नजर आई.

नियमों के मुताबिक किसी भी उम्मीदवार को अपनी जमानत बचाने के लिए कुल वोट का 16.66 फीसदी वोट लाना होता है. कुशेश्वर स्थान से कांग्रेस के उम्मीदवार अतिरेक कुमार को 4.27 फीसदी वोट मिले तो वहीं, तारापुर से उम्मीदवार राजेश मिश्रा केवल 2.10 फीसदी वोट ही प्राप्त कर सके. इस तरह औसत देखें तो पार्टी महज तीन फीसदी वोट शेयर पर सिमट गई.

बिहार उपचुनाव में कांग्रेस की हालत इतनी खराब हो गई कि कुशेश्वर स्थान और तारापुर, दोनों सीट पर कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई. कुशेश्वर स्थान में कांग्रेस प्रत्याशी अतिरेक कुमार को कुल 5602 वोट मिले जो कुल वोट 130966 का केवल 4.27 फीसदी है. तारापुर में कांग्रेस प्रत्याशी राजीव मिश्रा को 3570 वोट मिले जो कुल वोट 169401 का केवल 2.10 फीसदी है. इस हिसाब से अगर कुशेश्वरस्थान और तारापुर के कुल वोट (300367) मिला दिए जाएं तो कांग्रेस को दोनों सीटों पर कुल मिलाकर महज 9172 वोट मिले जो केवल 3.05 फीसदी ही है.

चिराग ने कांग्रेस को चौथे पायदान पर धकेला

बिहार उपचुनाव में पहली बार चिराग पासवान एक नई पार्टी- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और सिंबल के साथ मैदान में उतरे और अपने पहले ही चुनावी टेस्ट में चिराग ने कांग्रेस को चौथे पायदान पर धकेल दिया. उपचुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो कुशेश्वर स्थान और तारापुर, दोनों सीट पर जहां जेडीयू की जीत हुई है और आरजेडी दूसरे नंबर की पार्टी रही है तो वहीं चिराग पासवान की पार्टी दोनों ही सीट पर तीसरे नंबर पर आई है जिसकी वजह से कांग्रेस दोनों जगह चौथे नंबर की पार्टी बन गई है.

कुशेश्वर स्थान सीट पर जहां चिराग पासवान की पार्टी उम्मीदवार अंजू देवी को 5623 वोट मिले हैं तो वहीं कांग्रेस को 5602 वोट मिले हैं. इसी तरह तारापुर में चिराग की पार्टी के उम्मीदवार कुमार चंदन को 5350 वोट मिले वहीं कांग्रेस को केवल 3570. उपचुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनने पर चिराग पासवान ने खुशी जताई और ट्वीट कर कहा कि यह आरंभ है. नई पार्टी और नए चुनाव चिह्न को बिहार की जनता ने एक राष्ट्रीय पार्टी से भी ज्यादा सराहा है. विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ने के बावजूद पहले ही प्रयास में बिहार में तीसरे पायदान पर पहुंच गई लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास). चिराग ने अपनी पार्टी का समर्थन करने वालों का धन्यवाद भी किया.

कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन टूटने से नुकसान

कुशेश्वर स्थान में भले ही कांग्रेस और आरजेडी के बीच गठबंधन टूटने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अगर तारापुर में कांग्रेस और आरजेडी मिलकर चुनाव लड़ते तो हार का अंतर काफी कम हो सकता था. तारापुर में जनता दल यूनाइटेड (78966) और आरजेडी (75145) के बीच जीत-हार का अंतर केवल 3821 वोट का रहा. आरजेडी के 75145 वोट में अगर कांग्रेस के 3570 वोट मिला दिए जाएं तो कुल 78715 वोट मिलते. ये जेडीयू उम्मीदवार से केवल 251 वोट कम है.

कांग्रेस के काम न आया कन्हैया फैक्टर

बिहार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने सीपीआई नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल कराया. कन्हैया के पार्टी में शामिल होने के बाद बिहार कांग्रेस का आत्मविश्वास इस कदर बढ़ गया कि उसने आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला तक कर लिया और दोनों सीटों पर आरजेडी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर दिए. कन्हैया को बिहार में लांच करने के साथ ही उन्हें प्रचार के लिए मैदान में भी उतार दिया गया. दोनों विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन दिन तक कन्हैया ने प्रचार किया लेकिन ये फैक्टर भी कांग्रेस के काम ना आया. गौरतलब है 2020 के विधानसभा चुनाव में तारापुर से निर्दल उम्मीदवार राजेश मिश्रा को 10400 वोट मिले थे.

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