बिहार की राजधानी पटना के पास स्थित बिहटा में दादा-दादी के उलाहने से दुखी पोती ने फांसी लगा ली. लड़की की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने पूछताछ के बाद बताया कि दादा-दादी के उलाहने से आहत लड़की ने ये आत्मघाती कदम उठाया.

ये घटना बिहटा के कन्हौली गांव की है. यहां रहने वाले शैलेन्द्र प्रसाद किसी काम से बाहर गए थे. उनकी पत्नी गीता खाना बना रही थी. काफी देर तक गीता को जब 18 वर्षीय बेटी खुशी राज की आवाज सुनाई नहीं दी, तो वह उसे तलाशते हुए कमरे की ओर पहुंची. कमरे में साड़ी के फंदे से खुशी का शव लटकता देख, उसके होश उड़ गए. महिला की चीख पुकार सुन घर के अन्य सदस्यों के साथ पड़ोसी भी मौके पर आ गए. फिर शव को फंदे से उतारा गया. सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.

वहीं, घटना को लेकर लड़की की मां गीता ने अपने सास-ससुर पर गंभीर आरोप लगाए. उसने बताया कि खुशी के दादा अवधेश महतो और दादी मालती देवी हमेशा उसे उलाहना ​देते रहते थे. दादा-दादी द्वारा चरित्र को लेकर लगाए जाने वाले आरोप से खुशी बेहद आहत थी. मंगलवार को सुबह भी खुशी की अपने दादा-दादी से इसी बात पर बहस हुई थी.

इसके बाद नाराज होकर वह अपने कमरे में चली गई. मां ने बताया कि उसे नहीं पता था, कि खुशी गुस्से में इतना बड़ा कदम उठा लेगी. थानाध्यक्ष अवधेश कुमार झा ने बताया कि लड़की के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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