बिहारशरीफ। जिले के किसनों को राहत देने के लिए नहरों (पइन) में आठ चेकडैम बनाने हैं। योजना की स्वीकृति दे दी गयी है। दो का निर्माण शुरू हो चुका है। विडंबना यह कि छह का काम अभी पेंडिंग पड़ा है। वैसे, भूमि संरक्षण विभाग का दावा है कि एक सप्ताह में इन जगहों पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा। मई तक हर हाल में काम को पूरा कर लेना है।

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योजना पर करीब 64 लाख खर्च होगा। सभी चेक डैम बन जाएंगे तो बिहारशरीफ और कतरी सराय की 12 पंचायतों के हजारों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई आसान हो जाएगी। नदियों से निकली नहरों के पानी का सालों भर इस्तेमाल होगा तो उपज बढ़ेगी। बिहारशरीफ की पटलपुरा पंचायत के मुस्तापुर के पास तारापर पइन और कतरीसराय के कटौना के पास सहजोग नहर में डैम बनाने के लिए मिट्टी खुदाई का काम शुरू हो चुका है।

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खास यह कि आठ में से दो की लंबाई 20 फीट, तीन की 28 तो तीन अन्य 30 फीट लंबा चेक डैम होगा।इसके लिए संवेदक नहीं चेक डैम का निर्माण चयनित गांव के किसान खुद कराएंगे। इसके लिए किसानों की 15 सदस्य कमेटी बनायी गयी है। इन्हीं में से एक को अभिकर्ता बनाया गया है। कमेटी को पहले खुद की पूंजी लगाकर निर्माण कार्य पूरा करना है। उसके बाद विभाग स्थलीय जांच कराएगा। सब कुछ नियम के अनुसार रहा तो राशि का भुगतान किया जाएगा।

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चेक डैमों का निर्माण हो जाने पर नहरों के पानी से सिंचाई करना सहज होगा। खरीफ के साथ रबी की खेती में पटवन की समस्या नहीं रहेगी।अमूमन बारिश के दिनों में कहीं बाढ़ से तबाही मचती है तो कहीं पानी के लिए हाई तौबा मचती है। बरसात खत्म होते हैं नहरों में पानी भी खत्म हो जाता है किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह से मानसून पर निर्भर हो जाते हैं।इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि दो का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। शेष का भी एक सप्ताह के अंदर काम चालू होगा। किसानों की गठित कमेटियों को समय पर काम पूरा करने को कहा गया है। धरती पुत्रों को इससे कई फायदे होंगे।

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