बेगूसराय। अंग्रेज जमाने में गठित अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री और आजाद बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी डॉ. श्री कृष्ण सिंह द्वारा 1930 में गढ़पुरा में किए गए नमक सत्याग्रह की 92वीं वर्षगांठ पर आयोजित नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा का बेगूसराय की सीमा में प्रवेश करते ही जोरदार स्वागत किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव में श्रीकृष्ण सेवा सदन मुंगेर से चला गढ़पुरा नमक सत्याग्रह गौरव यात्रा का जत्था श्रीकृष्ण रेल-सह-सड़क पुल पारकर बेगूसराय जिला की सीमा में साहेबपुर कमाल प्रखंड पहुंचा। जहां देश प्रेम से ओत-प्रोत तिरंगा झंडा के साथ वंदे मातरम की धुन पर यात्रियों का जोरदार स्वागत किया गया। यहां पर नुक्कड़ सभा के बाद श्रीबाबू की कृतित्व से सजे रथ के साथ पदयात्रियों का जत्था अगले पड़ाव की ओर प्रस्थान कर गया।
पदयात्रा की शुरुआत बेगूसराय जिला परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र पासवान ने की तथा वह खुद भी यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि चुटकी भर नमक ने आजादी की नींव का पत्थर रखने का काम किया था। स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान चुटकी भर नमक ने सूर्यास्त नहीं होने वाली विक्टोरिया सल्तनत के साम्राज्य के सूरज को सदा के लिए अस्ताचल में भेज दिया। महात्मा गांधी के आह्वान पर डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजों के काले नमक कानून को तत्कालीन मुंगेर जिले के गढ़पुरा में तोड़ा गया। इस दौरान कई सेनानी घायल हुए, श्रीबाबू का छाती और शरीर नमक के खौलते पानी से बुरी तरह जल गया था, घायल होने के बावजूद गढ़पुरा में नमक कानून तोड़ने के बाद वह फिर चौकी और मटिहानी में नमक कानून भंग करने के लिए कूच कर गए थे।
गौरव यात्रा समिति के संस्थापक राष्ट्रीय महासचिव राजीव कुमार एवं सचिव मुकेश विक्रम ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की अनमोल विरासत बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि तथा बिहार के दांडी गढ़पुरा के गौरवशाली इतिहास को वर्तमान एवं आनेवाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित, सुरक्षित तथा संवर्धित करने के लिए 2012 से प्रतिवर्ष यह पदयात्रा आयोजित किया जा रहा है। मुंगेर से गढ़पुरा तक आयोजित पांच दिवसीय करीब एक सौ किलोमीटर लंबी पदयात्रा अपने आप में देश की इकलौती, अनूठी, ऐतिहासिक और गौरवशाली पदयात्रा है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो इस गौरवशाली यात्रा की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। यहां से चलने के बाद रास्ते में शालीग्रामी, मल्हीपुर, खरहट, पचवीर, सनहा समेत दर्जनों जगह सड़क किनारे खड़े होकर लोगों ने पदयात्रियों का जोरदार स्वागत किया है।