लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में फूट पड़ गई है। पहले रविवार को ये जानकारी सामने आई कि लोक जनशक्ति पार्टी के पांच नेताओं ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिख उन सभी को अलग मान्यता देने की मांग की है, साथ ही पशुपति पारस को पार्टी का नेता चुनने के लिए कहा है.

इसपर सोमवार को तब मुहर लग गई, जब खुद पशुपति पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान कर दिया. पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी को तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि पार्टी के भविष्य को बचाने के लिए वो ऐसा कर रहे हैं.

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वह चिराग से नाराज़ नहीं हैं, वो परिवार के सदस्य हैं अगर वो साथ आना चाहें तो आ सकते हैं.

सोमवार को जब पशुपति पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म की, उसके कुछ देर बाद ही चिराग पासवान अपने चाचा के आवास पर पहुंचे. लेकिन घर में उन्हें आसानी से एंट्री नहीं मिली.

करीब 25 मिनट तक वो बाहर गाड़ी में ही इंतजार करते रहे और गेट खुलने तक वहीं रहे.

करीब 25 मिनट बाद जब गेट खुला, तब चिराग घर में गए. लेकिन पशुपति पारस तब वहां पर मौजूद नहीं थे.
ऐसे में कुछ देर वहां रुकने के बाद चिराग पासवान वापस आ गए.

अब पशुपति पारस और अन्य लोजपा के सांसदों की मुलाकात लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से होनी है, ऐसे में पार्टी की अगली रणनीति क्या रहती है और कैसे बिहार की राजनीति करवट लेती है, इसपर हर किसी की नज़र है.

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