बिहार में टीचर की नौकरी में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है. ताजा मामला शेखपुरा जिला में एक ही सर्टिफिकेट पर दो लोगों के नौकरी करने का आया है. इतना ही नहीं 4 साल से फर्जी टीचर सैलरी भी ले रहे हैं.

फर्जी रूप से नौकरी करने वाले राकेश कुमार का नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि भी सेम रखी गई है. असली राकेश कुमार के सर्टिफिकेट का नकली सर्टिफिकेट बना कर यह शख्स नौकरी कर रहा था. सैलरी भी मिल रही थी. इसमें शिक्षा विभाग की मिलीभगत सामने आई है. यह फर्जीवाड़ा बिना विभाग की मिलीभगत के संभव नहीं है. हालांकि इसमें कोई बड़ी कार्रवाई हो ऐसा संभव नहीं दिखता है फिर भी इसका खुलासा शिक्षा विभाग ने ही किया है.

2016 से कर रहा है नौकरी

फर्जी टीचर के रूप में जिसकी पहचान हुई है, वह राकेश कुमार नालंदा जिले का निवासी बताया जा रहा है. शेखपुरा अरियरी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय जोधनबीघा में 2016 से नौकरी कर रहा है. जबकि उसी नाम से राकेश कुमार जिले के शेखपुरा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय भदेली में नौकरी कर रहे हैं.

ईपीएफ अकाउंट खोलते समय हुआ खुलासा

ये पूरा मामला शिक्षा विभाग द्वारा ईपीएफ अकाउंट खोलने के क्रम में सामने आया है. अकाउंट खोलने के क्रम में जिले में 2 शिक्षक एक ही सर्टिफिकेट पर नौकरी करते पाए गए. दोनों का नाम राकेश कुमार है. मामला का खुलासा तब हुआ जब फर्जी राकेश कुमार द्वारा ईपीएफ खाता पहले ही बना लिया गया.

जब असली राकेश कुमार आया तो उसे बताया गया कि आपका खाता खुल गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि मामले का खुलासा हो गया है. छानबीन जारी है. कानूनी दायरे में सभी कार्रवाई की जाएगी.

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