नई दिल्ली। स्कैम करने के लिए अटैकर्स तरह-तरह के हथकंडे आजमाते हैं और इनमें से कई कामयाब भी रहते हैं। इसी तरह इन दिनों ऑनलाइन डिलीवरी से जुड़ा स्कैम तेजी से किया जा रहा है, जिसमें फंसकर कई विक्टिम अपना बैंक अकाउंट खाली करवा चुके हैं। दरअसल, नए स्कैम में विक्टिम के पास कॉल या मेसेज आता है कि उसकी ऑर्डर डिलिवरी पेंडिंग है। यह मेसेज करने वाला स्कैमर बताता है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से ऑर्डर डिलीवर नहीं किया जा सका और स्कैम की शुरुआत होती है।
कोई भी यूजर ऐसा मेसेज या कॉल आने पर मान लेता है कि वाकर्इ उसका कोई पैकेज फंसा हुआ है, जिसे डिलीवर नहीं किया जा सका। डिलिवरी कंपनी लॉकडाउन के बाद पैकेज भेजने की कोशिश कर रही हैं, यह बात मानकर विक्टिम स्कैमर पर भरोसा कर लेता है। इसके बाद स्कैम को अंजाम दे रहा अटैकर पैकेज भेजने के नाम पर पर्सनल डीटेल्स पूछ लेता है। साथ ही ऐसा पैकेज भेजने के बदले विक्टिम से मामूली डिलिवरी फीस का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए कहा जाता है।
नए स्कैम का खतरनाक हिस्सा पर्सनल डीटेल्स की चोरी नहीं बल्कि बैकिंग डीटेल्स चुराना है। दरअसल डिलिवरी फीस के ऑनलाइन पेमेंट के लिए जैसे ही विक्टिम लिंक पर क्लिक करता है, उसके इंटरनेट बैकिंग या क्रेडिट कार्ड डीटेल्स चोरी हो जाते हैं। डिलिवरी फीस केवल 10 रुपये या 20 रुपये जितनी रकम मांगी जाती है, ऐसे में कोई भी पेमेंट करने के लिए राजी हो जाता है। छोटी सी रकम का पेमेंट भारी पड़ सकता है और एक बार बैंकिंग डीटेल्स चोरी होने के बाद स्कैमर आसानी से बैंक अकाउंट खाली कर सकता है।
ऐसे में अगर आपके पास किसी पैकेज की डिलिवरी पेडिंग होने का मेसेज आए तो कन्फर्म करें कि आपका कोई पैकेज आने वाला था या नहीं। इसके अलावा अगर किसी दोस्त या फैमिली मेंबर की ओर से पैकेज भेजे जाने की बात कही जाए, तब भी उसकी डिलिवरी के लिए आप कोई पेमेंट ना करें। कोई भी डिलिवरी सर्विस पैकेज डिलीवर ना हो पाने की स्थिति में खुद दोबारा कोशिश करती है और पैकेज डिलीवर ना हो तो उसे भेजने वाले के पास वापस भेज दिया जाता है। ऐसे स्कैम से बचने का तरीका अलर्ट रहना है।