नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मां का निधन हो गया है। वह 89 वर्ष की थीं। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर दी है। डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट कर बताया कि रविवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मां का निधन हो गया। उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।
डॉ. हर्षवर्धन ने भावुक ट्वीट किया, ‘मां टू लौट आ’! उन्होंने कहा कि उनकी मां उनके लिए मार्गदर्शक थीं। उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता। उसकी पवित्र आत्मा को शांति मिले।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भगवान उनकी आत्मा का शांति दें। परिवार को इस दुख की घड़ी में पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें।
डॉ. हर्षवर्धन अपनी मां को गुरु अधिक मानते थे। जीवन जीने की शिक्षा उन्हीं से मिली। ईमानदारी, कर्तव्य परायणता, दूसरों की मदद, देशभक्ति, लोकतंत्र में विश्वास जैसी शिक्षा उन्हीं से मिली। मां धार्मिक थी, साथ ही समाज व देश की गतिविधियों पर गहरी नजर रखती थी। वह रोजाना अखबार पढ़ती और देश-दुनिया की खबर रखती। पुत्र हर्षवर्धन से समसामयिक विषय पर चर्चा करती। कितनी भी बीमार हो, पर वह मतदान करने जरूर जाती। उनके लिए मतदान पर्व सरीखा था। वह इसके लिए कई दिन पहले से तैयारी करती। भले ही व्हीलचेयर पर मतदान करने जाना हो। पर जाती जरूर।
कोरोना के कारण कृष्णा नगर ले जाने पर पशोपेश
कोरोना को देखते हुए मां के पार्थिव शरीर को घर कृष्णानगर ले जाने पर पशोपेश में है। क्योंकि वहां अंतिम दर्शन के लिए काफी लोग के आने का अनुमान है। डॉ हर्षवर्धन खुद स्वास्थ्य मंत्री है तो वह इसका पूरा ख्याल रख रहे हैं किसी भी प्रकार संक्रमण से बचाव के नियम न टूटे। इसलिए अभी पार्थिव शरीर को 30 जनवरी मार्ग स्थित सरकारी आवास लाया गया है।
मेरी आंखें अच्छी है किसी को दान कर देना
मेरी आंखें अच्छी है। इसे किसी को दान कर देना। यह अक्सर डॉ. हर्षवर्धन की मां स्नेहलता कहती थी। रविवार सुबह उनके निधन के बाद उनकी आंखें एम्स में दान कर दी गई है। जो किसी अंधेरे जीवन में रोशनी लाएगा। 89 वर्ष की उम्र में कार्डिक अरेस्ट से उनका निधन हो गया। रोज की तरह डा. हर्षवर्धन मां के कमरे में उन्हें देखने गए थे। जहां उन्हें मां तकलीफ में दिखाई पड़ी। परिवार के एक करीबी ने कहा कि मां से उन्होंने पूछा कि उन्होंने अपनी तकलीफ के बारे में बताया क्यों नहीं। मां ने बोला वह बताने वाली ही थी। आनन-फानन में उन्हें एम्स में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। जहां कुछ घंटे बाद उनका निधन हो गया। पिता का निधन पहले हो चुका है। उनके दो बेटे और एक बेटी है।
डॉ हर्षवर्धन का परिवार पुरानी दिल्ली से आता है। तुर्कमान गेट के नजदीक फाटक तेलीयान में उनका परिवार रहता था। बाद में परिवार पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में रहने चला गया। इस कारण भी डॉ. हर्षवर्धन का पुरानी दिल्ली से विशेष लगाव बना हुआ है। वह चांदनी चौक से सांसद हैं, जिसके अंतर्गत पुरानी दिल्ली का इलाका आता है।