नई दिल्‍ली/मुंबई। बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसी बैंक की पूर्व कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और एमडी चंदा कोचर को गलत तरीके से टर्मिनशन (बर्खास्तगी) मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से 16 दिसम्‍बर तक जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसम्‍बर को होगी। दरअसल चंदा कोचर ने 30 नवम्‍बर को याचिका दायर कर बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी थी। कोचर ने 9 दिसम्‍बर को संशोधित याचिका दायर कर रिजर्व बैंक को भी पक्षकार बनाया है।

उल्‍लेखनीय है कि कोचर ने पहले कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक ने उन्हें बर्खास्त करने से पहले आरबीआई की मंजूरी नहीं ली थी, जिसे बैंक ने खारिज कर दिया था। उसके बाद कोचर ने अपनी याचिका में संशोधन कर कहा कि रिजर्व बैंक ने उचित-अनुचित का विचार किए बिना ही बर्खास्‍त करने की मंजूरी दे दी। याचिका में कोचर ने दलील दी है कि आईसीआईसीआई बैंक गत वर्ष 5 अक्टूबर, 2018 को उनका ऐच्छिक इस्तीफा मंजूर कर चुका था, तो फिर 30 जनवरी को बर्खास्त क्यों किया गया जो कि गैरकानूनी है।

गौरतलब है कि आईसीआईसीआई बैंक ने कोचर से अप्रैल 2009 से मार्च 2018 तक का बोनस और अन्य लाभ वापस मांग लिये थे। बैंक का कहना था कि वीडियोकॉन लोन केस में आंतरिक जांच रिपोर्ट में कोचर को दोषी पाया गया है। दरअसल, कोचर के कार्यकाल में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। चंदा कोचर पर आरोप है कि उनके पति दीपक कोचर को वीडियोकॉन ग्रुप से लाभ मिला था।

Show comments
Share.
Exit mobile version