गोरखपुर। सर्वाधिक बिकने वाली बुखार की दवा पैरासिटामाल का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है। एक माह पहले तक 30 रुपये में मिलने वाले 10 गोली के पत्ते की कीमत इस समय 45 रुपये हो गई है। इसी तरह एंटीबायोटिक व मल्टीबिटामिन दवाओं के दाम में भी वृद्ध हुई है। व्यापारियों के अनुसार चीन से साल्ट न आने की वजह से दवाओं के दाम बढ़ रहे हैं, क्योंकि भारतीय व अन्य देशों के साल्ट, चीन की अपेक्षा महंगे होते हैं। पैरासिटामाल, एंटीबायोटिक व मल्टीबिटामिन की गोलियों की सर्वाधिक जरूरत पड़ती है।
बुखार की कामन दवा है पैरासिटामाल
लगभग हर बुखार के मरीज को डाक्टर ये दवाएं लिखते हैं। दवाओं की कीमत बढऩे से कमजोर आय वर्ग के लोगों के सामने बड़ी दिक्कत आ गई है। मजबूरी में उन्हें ये दवाएं महंगे दाम पर खरीदनी पड़ रही हैं। ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने बताया कि चीन से साल्ट न आ पाने से दवाओं के दाम बढऩे लगे हैं। कंपनियों को भारत व अन्य देशों से साल्ट खरीदने पड़ रहे हैं। इनकी अपेक्षा चीन के साल्ट सस्ते आते हैं। व्यापारियों के अनुसार चीन में मंदी चल रही है, इसलिए उत्पादन प्रभावित है। वहां से जरूरत के मुताबिक साल्ट कंपनियों को नहीं मिल पा रहे हैं।
एंटीबायोटिक के मूल्य पर भी पड़ा असर
इसका असर दवाओं की कीमत पर पड़ा है। एंटीबायोटिक सेफिक्सिम का 10 गोली का पत्ता एक माह पहले 100 रुपये में था जो अब 110 रुपये का हो गया है। क्लैवुलैनिक के साथ सेफिक्सिम की कीमत 250 रुपये प्रति पत्ता थी जो बढ़कर अब 280 रुपये हो गई है। मल्टीबिटामिन के दाम में भी 25 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। जो 10 गोली का पत्ता 100 रुपये में आता था, अब उसकी कीमत 125 रुपये हो गई है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि दिसंबर तक कीमत में और उछाल आ सकता है।