लोग अपने रिटायरमेंट को लेकर टेंशन में रहते हैं कि वो बुढ़ापे में अपने लिए मासिक आय का इंतजाम कैसे कर सकेंगे। ऐसे में आप पेंशन प्लान लेकर अपने बुढ़ापे को आर्थिक समस्याओं से बचा सकते हैं। अगर आपने अब तक कोई पेंशन प्लान नहीं लिया है तो आपके लिए केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना सही रहेगी। इसमें आप रोजाना 7 रुपए निवेश करके अपने लिए 5000 रुपए की पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं।

कौन ले सकता है इसका लाभ?

इसके तहत 60 साल का होने पर हर महीने 1000 से लेकर 5000 रुपए की पेंशन मिलती है। इसमें 18 साल से 40 साल तक का व्यक्ति इसमें निवेश कर सकता है। कोई शख्स इस स्कीम को लेता है तो उसे कम से कम 20 साल निवेश करना होगा। स्कीम में शामिल होने के लिए सेविंग बैंक अकाउंट, आधार और एक्टिव मोबाइल नंबर का होना जरूरी है।

कैसे देना होता है कंट्रीब्यूशन?

इस योजना के तहत इन्वेस्टर्स मंथली, क्वाटरली या सेमी-एनुअल यानी 6 माह की अवधि में निवेश कर सकते हैं। कंट्रीब्यूशन ऑटो-डेबिट हो जाएगा। यानी आपके अकाउंट से तय राशि अपने आप कट जाएगी और आपके पेंशन खाते में जमा हो जाएगी।

कैसे तय होगा आपका कंट्रीब्यूशन?

अमाउंट कितना कटेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन चाहते हैं। 1 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन लेने के लिए सब्स्क्राइबर को 42 से लेकर 210 रुपए प्रतिमाह तक भुगतान करना होगा। यह 18 साल की उम्र में स्कीम लेने पर होगा। वहीं यदि कोई सब्स्क्राइबर 40 साल की उम्र में स्कीम लेता है तो उसे 291 से लेकर 1454 रुपए प्रतिमाह तक का मंथली कंट्रीब्यूशन करना होगा। सब्स्क्राइबर जितना ज्यादा कंट्रीब्यूशन करेगा, उसे रिटायरमेंट के बाद उतनी ही ज्यादा पेंशन मिलेगी। इसमें आप सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स बेनीफिट क्लेम कर सकेंगे।

ऑनलाइन खाता खोलने के लिए क्या करें?

किसी भी बैंक में जाकर अकाउंट ओपन करवा सकते हैं।

अटल पेंशन योजना का फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।

इस फॉर्म को भरकर आपको बैंक ब्रांच में जमा करना होगा।

इसके साथ में अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की फोटोकॉपी भी जमा करनी होगी।

एप्लीकेशन अप्रूवड होने के बाद आपके पास कंफर्मेशन का मैसेज आएगा।

उसके बाद आपकी उम्र के आधार पर आपका मंथली कंट्रीब्यूशन तय हो जाएगा।

2015 में हुई थी योजना की शुरुआत

सरकार की ‘अटल पेंशन योजना’ की शुरुआत 9 मई, 2015 को हुई थी। इस योजना को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है। PFRDA के अनुसार 9 मई 2020 तक इस योजना से 2.23 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। पिछले वित्त वर्ष में इस योजना से 70 लाख लोग जुड़े।

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