रांची, 31 मार्च। झारखंड में कोरोना वायरस का पहला मरीज राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के बड़ी मस्जिद से पकड़ी गई मलेशिया से आई मुस्लिम महिला पॉजिटिव पाई गई है। स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने महिला के करोना से संक्रमित होने की पुष्टि की है। महिला तब्लीगी जमात से जुड़ी है यह विदेशी महिला दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल होकर यहां आयी थी। कोरोना के मैप में झारखंड भी लाल हो गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस के भारत में व्यापक फैलाव के बीच दिल्ली में निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में रांची के 46 स्कॉलर शामिल हुए थे। मंगलवार को कोरोना से संक्रमित मुस्लिम स्कॉलर के पकड़े जाने के बाद दिल्ली में जो खुलासा हुआ है ।उसके मुताबिक इस जमात में शामिल देश के अट्ठारह सौ तीस स्कॉलर में से 46 ने अपना पता रांची ही लिखवाया है। इनमें से मलेशिया की महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है। पुलिस ने बीते दिन इस महिला को राजधानी रांची के हिन्दपीढ़ी इलाके में बड़ी मस्जिद से पकड़ा था। मलेशिया की रहने वाली महिला में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मिलने के बाद पूरे झारखंड में हड़कंप मच गया है। बीते दिन रांची के इलाके के बड़ी मस्जिद से तब्लीगी जमात के 17 विदेशी लोगों को पकड़ा गया था। जिसमें मलेशिया की यह मुस्लिम महिला भी शामिल थीं। पुलिस ने इन सभी को पकड़ने के बाद हिरासत में लेकर रांची के खेल गांव में क्वॉरेंटाइन किया था। मंगलवार को महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद उसे रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। कोरोना के संक्रमण में बड़ी भूमिका निभाने वाले दिल्ली निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात में बोकारो के तीन लोग भी शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि केंद्रीय खुफिया विभाग की सूचना पर सोमवार की शाम दो लोगों को पकड़ा गया। वहीं तीसरे की पहचान मंगलवार को हुई। तीनों के ब्लड सैंपल को आज स्वास्थ्य विभाग ने लिया है। उसे जांच के लिए रांची भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 13 से 15 मार्च के बीच दिल्ली में तब्लीगी जमात का आयोजन किया गया था। उसमें तब्लीगी जमात के बोकारो के तीन प्रतिनिधि शामिल हुए थे। ये लोग 40 दिन के लिए बोकारो दौरे पर आए थे । इस बीच लॉक डाउन की घोषणा हो गई। प्रशासन की नजर इन सभी पर है। तीन लोगों के बारे में सूचना केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने दिया था। हालांकि स्थानीय पता एवं पूरा बेवरा तबलीगी जमात के स्थानीय प्रतिनिधि प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है। प्रशासन रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है। संभावना है कि उन सारे लोगों का भी ब्लड टेस्ट किया जाएगा जो कि दिल्ली एवं विदेश से आए हैं। बताया जा रहा है कि जमात में शामिल होने के बाद यह लोग पूरे प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में छिप गए हैं। जिनकी तलाश तेज कर दी गई है। इधर खुफिया विभाग और केंद्रीय जांच एजेंसियां तब्लीगी जमात मरकज के आतंकी कनेक्शन की भी जांच कर रही है। यह पता चला है कि कोरोना वायरस को आतंकी बायोलॉजिकल हथियार के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो काफी खतरनाक होगा। अब तक रांची के तीन मस्जिदों से कुल 28 विदेशी मौलवी पकड़े जा चुके हैं।

पकड़े गए लोगों में चीन, कजाकिस्तान ,यूनाइटेड, किंग्डम केन्या, पोलैंड, मलेशिया , वेस्टइंडीज के लोग शामिल है।

इस बारे में खुफिया विभाग जांच में जुटी है। पुलिस की ओर से ऐसे विदेशियों के मस्जिद में बिना जानकारी के छुपे रहने को लेकर रांची को सुरक्षित पनाहगाह मानने की दिशा में भी जांच की जा रही है।

जानकार बताते हैं कि तबलीगी जमात का केंद्र निजामुद्दीन मरकज है। देश ही नहीं पूरी दुनिया में जमात धार्मिक लोगों की टोली जो इस्लाम के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए निकलते हैं। मरकज में तय किया जाता है कि देसी या विदेशी जमात को भारत के किस क्षेत्र में जाना है।

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