ढाका। सन् 1975 में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या  तथा तख्तापलट करने आरोपी सेना के एक पूर्व कैप्टन अब्दुल मजीद को फांसी दे दी गयी है. खबर के अनुसार अब्दुल मजीद को बीते रात स्थानीय समयानुसार 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका केन्द्रीय कारागार में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. जेलर महबूब उल इस्लाम ने कहा कि मजीद को फांसी देकर मौत की नींद सुला दिया गया. लगभग 25 साल तक भारत में छिपे रहने के बाद उसे मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था.

शुक्रवार को मजीद की पत्नी और चार अन्य संबंधियों ने जेल में उससे दो घंटे मुलाकात की थी. राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया था. बता दें कि माजेद ने 15 अगस्त 1975 को बंगबंधु के निजी आवास पर उनकी हत्या करने का अपराध स्वीकार किया था. जानकारी के अनुसार माजीद ने न केवल बंगबंधु की हत्या की बल्कि वह तीन दिसंबर 1975 को कड़ी सुरक्षा वाली ढाका जेल में की गई नेताओं की हत्या में भी शामिल था. मीरपुर स्थित पुलिस की आतंकवाद रोधी इकाई ने माजेद को गिरफ्तार किया.

राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और उनके अधिकतर परिजनों की 15 अगस्त 1975 को की गयी हत्या का दोषी पाए जाने पर बारह पूर्व सैन्य अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई थी.  दोषियों में से पांच को 2010 में फांसी दे दी गई थी जबकि एक की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई थी. अन्य दोषियों को अदालत में उपस्थित कर मुकदमा चलाया गया था. माजीद उन भगोड़े दोषियों में से था जो देश से बाहर छुपा था.

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