नई दिल्ली। केंद्र सरकार मरीजों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए अपने आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) के साथ जुड़कर काम करने वाले हजारों रिस्टबैंड्स (Aarogya Setu Wristband) खरीदने की तैयारी कर रही है। इससे मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए उनके घर जाते वक्त फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी सही देखरेख करने में मदद मिलेगी।

2 हजार हो सकती है कीमत

अधिकारी के मुताबिक, ‘कई राज्यों ने हमें बताया है कि कैसे वे मूवमेंट ट्रैक करने के लिए काफी संख्या में मैनपावर और रिसोर्सेज का उपयोग कर रहे हैं। इस स्थिति में रिस्टबैंड मरीजों की सेहत की निगरानी में फ्रंटलाइन वर्कर्स की काफी सहायता करेगा और इसके जरिए जोखिम वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने पर उन्हें चेतावनी भी दी जाएगी।’ रिस्टबैंड की कीमत लगभग 2,000 रुपये हो सकती है जो मांग कम होने पर घट भी सकती है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में पहले से ही होम क्वॉरंटीन ट्रैकिंग सिस्टम है जबकि केरल बड़े पैमाने पर GPS सॉल्यूशंस का उपयोग करता है।

डिजाइनों की समीक्षा

कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार होम क्वॉरंटीन पर जोर दे रही है । रिस्टबैंड्स से हेल्थ प्रोफेशनल्स को दूर से लोगों का टेंपरेचर और संक्रमण का लक्षण जानने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया कि यह टूल काफी मददगार होने वाला है क्योंकि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को सेल्फ-आइसोलेट के लिए कहा जाएगा। रिस्टबैंड के लिए टेक्निकल बिड्स सोमवार को बंद हो गई थीं और अब वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर BECIL डिजाइनों की समीक्षा कर रही है।

निगरानी में सहायक

अधिकारी ने कहा, ‘प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति 100 अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए आने वाले दिनों में निगरानी के दायरे में आने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक होगी। प्रशासन रिस्टबैंड की मदद से यह सुनिश्चित कर सकेगा कि संदिग्ध लोग निर्धारित स्थान पर रहें। अगर वे इसे हटाते हैं तो अस्पतालों को सूचित किया जाएगा। रिस्टबैंड के आरोग्य सेतु ऐप के साथ इंटीग्रेट होने के बाद कई और पैरामीटर होंगे जिनकी सहायता से निगरानी कर सकेंगे।’

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