Kolkata : ममता सरकार ने बंगाल विधानसभा में आज यानी मंगलवार को दुष्कर्म विरोधी विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक में रेपिस्ट और पीड़िता की मौत के दोषी शख्स को फांसी की सजा का प्रावधान दिया गया है। साथ ही इसमें गुनहगार को बिना जमानत के उम्रकैद यानी आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा का प्रावधान भी किया गया है। विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दरम्यान CM ममता बनर्जी ने इस विधेयक को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि रेपिस्ट और पीड़िता के गुनहगार को सख्त सजा मिलनी चाहिए। विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा में भाजपा विधायक शिखा चटर्जी, अग्निमित्रा पॉल और शुभेंदु अधिकारी ने भी अपनी बात रखी।

यहां याद दिला दें कि बीते महीने कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर जारी बवाल अभी तक थमा नहीं है। राज्य में महिला सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने सोमवार से विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का एलान किया था। इस विशेष सत्र में राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा मंगलवार को दुष्कर्म-विरोधी विधेयक पेश किया। वहीं विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का इल्जाम है कि राज्य सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र के लिए कोई परामर्श नहीं लिया और यह सरकार का एकतरफा फैसला है।

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