कोरोनावायरस महामारी के खत्म होने से पहले लाखों लोग मर जाएंगे। लेकिन, ये मौतें सिर्फ कोरोना की वजह से नहीं बल्कि दुनियाभर में हेल्थ सर्विस और अर्थव्यवस्थाओं पर अत्यधिक बोझ के कारण होगी। ये बातें माइक्रोसाॅफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने कही है। बिल गेट्स ने द इकॉनोमिस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि गरीब देशों में तो कोरोना से हुए नुकसान का सटीक आंकलन करना भी मुश्किल हो गया है।

वैक्सीन का ज्यादा प्रोडक्शन 2021 के अंत तक ही हो पाएगा

माइक्रोसॉफ्ट के को फाउंडर का अनुमान है कि उचित तरीके से प्रभावी वैक्सीन का ज्यादा उत्पादन 2021 के अंत तक ही हो पाएगा। हालांकि तब तक कोरोना के मरीजों की संख्या भी कम हो सकती है। बिल गेट्स ने कहा कि 90 प्रतिशत से ज्यादा मौतें कोरोना से नहीं, बल्कि दूसरी बीमारियों से होंगी। लॉकडाउन लोगों को अन्य बीमारियों की दवाइयों को पाने पर प्रतिबंध लगा देगा। इससे मलेरिया और एचआईवी से मरनेवालों की संख्या बढ़ सकती है।

बिल गेट्स फाउंडेशन ने 350 मिलियन डाॅलर का योगदान दिया

गेट्स ने अपने इंटरव्यू में कहा कि बिल गेट्स फाउंडेशन ने महामारी के दौरान करीब 350 मिलियन डाॅलर से अधिक का योगदान दिया, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। काफी ज्यादा पैसे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए अरबों रुपए खर्च किए जाने की जरूरत है।

भारत में महामारी से लगभग 52,000 लोग मारे गए हैं

गेट्स ने कहा कि 17 अगस्त तक अफ्रीका में महामारी से 25,000 से अधिक मौतें हुई हैं। भारत में इस महामारी से लगभग 52,000 लोग मारे गए हैं। हालांकि, दोनों जगहों पर वास्तविक संख्या बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि दुनिया की लगभग 30-60 प्रतिशत आबादी को महामारी से बचाने के लिए टीके की आवश्यकता है।

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