लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महिला अपराधों को लेकर सरकार को घेरा है। वहीं, नेता सदर और प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष के सभी सवालों को जवाब दिया। कहा कि अपराध किसी भी प्रकार का हो, वह अक्षम्य है। खासतौर पर महिला संबंधी अपराध के मुद्दे पर सरकार पूरी गंभीरता के साथ अपराधियों के खिलाफ कठोरतापूर्वक कार्रवाई कर रही है। यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। यहां पर अपराधियों के बारे में नहीं कहा जाता कि लड़के हैं, गलती कर देते हैं। अगर अपराधी है तो कोई भी हो, जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई होती है। यह नेता प्रतिपक्ष जानते भी हैं क्योंकि आप तो हर उस अपराधी का समर्थन करते हैं जो प्रदेश में अराजकता का पर्याय था। गुंडागर्दी जिसका पेशा बन गया था। विगत पांच सालों में प्रदेश के अंदर कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के माहौल से ही इस सरकार को व्यापक जनसमर्थन मिला है। किसी को प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है। जनता ने जिस भाव के साथ समर्थन दिया है, वह अभिनंदनीय है। मैं उन्हें सेल्यूट करता हूं।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों के अंदर सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह कार्रवाई की है और फिर यह बात पूरी प्रतिबद्धता के साथ हम कह रहे हैं कि सरकार अपराध और अपराधियों के मुद्दे पर बिना किसी के प्रवाह किए बगैर अपनी कार्रवाई को जारी रखेगी। सबको सुरक्षा का अधिकार देना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन कोई व्यक्ति सरेआम अपराध करे तो यह किसी भी प्रकार से सरकार स्वीकार नहीं कर सकती है। खास तौर पर महिला संबंधी अपराध को लेकर, एंटी रोमियो का गठन हमारी सरकार ने 2017 में आने के बाद तत्काल किया था। एंटी रोमियो दल के गठन के साथ ही प्रदेश के अंदर 218 महिला संबंधी अपराधों को रोकने लिए और पास्को कोर्ट की स्थापना भी सरकार ने की। उस पर त्वरित कार्रवाई भी। पूरे देश के अंदर होने वाले मामलों की संख्या को अगर आप देखेंगे तो 2012 से लेकर 2017 के बीच विभिन्न प्रकार के जो अपराध हुए हैं, चाहे वे हत्या संबंधी हों, महिला संबंधी हों, दनकी संख्या में भारी गिरावट आयी है।

अगर कल हमारे प्रतिपक्ष के मित्र राज्यपाल के अभिभाषण को सुने होते तो बहुत सारी चीजें उनके सामने क्लीयर हो जाती। दूसरी बात यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि इससे पहले विधानसभा चुनाव होते थे, यहां अन्य कोई चुनाव होता था तो चुनाव के दौरान या बाद में व्यापक हिंसा होती थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इस विधानसभा चुनाव या चुनाव की समाप्ति के बाद हरकत की थी लेकिन उस हरकत को पुलिस ने कंट्रोल भी किया। बहुत सारे लोगों ने गर्मी दिखाने का प्रयास किया तो उनकी गर्मी भी शांत हो रही है। प्रदेश की कानून व्यवस्था आज इस देश के लिए नजीर बनी हुई है । पांच वर्ष में कोई भी दंगा नहीं हुआ। वर्ष 2012 से 2017 के बीच में सात सौ से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे। महीने -महीने तक बरेली, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, और कानपुर कौन सा ऐसा जिला था जहां दंंगे न हुए हों। पांच वर्ष 2017 से 2022 तक कोई दंगा नहीं हुआ। कोई कफ्र्यू नहीं लगा। नई सरकार के गठन के बाद रामनवमी के अवसर पर सात राज्यों में दंगे हुए लेकिन यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ।

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