Ranchi : लंदन से रांची आई एक NRI महिला को साइबर क्रिमिनल्स ने अपना शिकार बना डाला। उक्त महिला से करीब 29 लाख 94 हजार रुपये ठग लिए। जब महिला को इस बात का इल्म हुआ कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुकी है, तब वह भागे-भागे CID के साइबर क्राइम थाना पहुंची। इसी साल के बीते नौ मार्च को NRI महिला ने साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। कांड के अनुसंधान के दरम्यान CID को एक क्लू मिला और CID की टीम उस शातिर ठग तक पहुंच गई। उसे दिल्ली से दबोच लिया गया। गिरफ्तार संदेही गुनहगार का नाम रवि शंकर द्विवेदी बताया गया। उसके पास से मोबाइल, सिम कार्ड और व्हाट्सएप चार्ट बरामद किये गये हैं। वहीं, उसके खाते में रखे गये करीब नौ लाख 36 हजार रुपये को फ्रीज कर दिया गया है। इस बात का खुलासा आज CDI के DG अनुराग गुप्ता ने मीडिया के सामने किया।

DG अनुराग गुप्ता ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी में महिला ने बताया कि उससे व्हाट्सएप के जरिये संपर्क किया गया था। पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया गया। काम बस इतना था कि इंस्टाग्राम पर वीडियो को लाइक कर स्क्रीनशॉट भेजना था। इसके एवज में उसे पैसे देने की बात थी। कुछ दिन काम करने पर उसे पैसे भी दिये गये। इसके बाद उसे और भी टास्क दिये जाने लगे। उसने वह काम भी किया। इसके एवज में भी उसके खाते में पैसे डाले गये। फिर महिला से टेलीग्राम आईडी (@Alyssa) के जरिये टास्क और हाइयर रेटिंग के लिए संपर्क किया गया। टास्क को करने के लिए उसे अलग-अलग कई बैंक खातों में पैसे डालने को बोला गया। उसके बाद उससे एक वेबसाइट पर अकाउंट बनाने को बोला गया। उस वेबसाइट पर महिला के द्वारा किये गये इन्वेस्टमेंट का प्रॉफिट दिखाया जाता था। लेकिन महिला को प्रॉफिट की फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। वेबसाइट पर सारा डाटा फर्जी थी। इस दरम्यान महिला से कुल 29 लाख 94 हजार 50 रुपये झटक लिए गये थे।

DG ने बताया कि तेज तर्रार मानी जाने वाली साइबर DSP नेहा बाला की देखरेख में साइबर टीम ने इस कांड पर काम करना शुरू किया। मोबाइल नंबर से लेकर ईमेल तक खंगाले गये। शातिर ठग का कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा था। अचानक गठित टीम के दिमाग की बत्ती जली और टीम ने दिये गये ईमेल का रिकवरी ईमेल खोजना शुरू किया। टीम ने रिकवरी ईमेल हासिल कर लिया। इसके बाद उसी ईमेल के जरिये मोबाइल नंबर हासिल किया गया। इस मोबाइल नंबर से उस बैंक अकाउंट का पता चल गया, जहां से ट्रांजैक्शन हुआ करते थे। यह अकाउंट एक फर्जी कंपनी के नाम था। CID की टीम ने पाया कि इस एक अकाउंट से महज एक दिन में 698 ट्रांजैक्शन्स किये गये हैं। कुल दो करोड़ 46 लाख 35 हजार 477 रुपये का लेन-देन हुआ है। IP एड्रैस को ट्रैक करने पर खुलासा हुआ कि रवि शंकर द्विवेदी का आका चाइना में बैठा हुआ है। वहीं से भारत के चिंदी चोरों को कमिशन का लालच देकर उनसे यह सब गोरख धंधा करवाता है।

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