लखनऊ। अपने दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त हैं। अधिकारियों के खिलाफ जनसमस्याओं के निस्तारण, आरोपों और भ्रष्टाचार की शिकायतों को वह काफी गंभीरता से ले रहे हैं। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है। वहीं अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को अच्छी पोस्टिंग देकर ईनाम भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी जल्द ही जिलों का दौरा करेंगे और धरातल पर समीक्षा बैठक कर योजनाओं की पड़ताल करेंगे।

योगी सरकार 2.0 में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर और सख्ती बरती जा रही है। सीएम के निर्देश पर हाल ही में गंभीर आरोपों से घिरे डीएम औरैया सुनील कुमार वर्मा, सोनभद्र के डीएम टीके शिबु और गाजियाबाद एसएसपी पवन कुमार को निलंबित किया गया था। शासन की ओर से एक दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों और 14 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। इनमें कई अधिकारियों को प्रतीक्षारत किया गया है, तो अच्छा काम करने वाले कई अधिकारियों को अच्छी पोस्टिंग भी दी गई है। माना जा रहा है कि पुलिस-प्रशासनिक व्यवस्था में और सुधार लाने के लिए जल्द बड़े पैमाने पर तबादले और कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद सीएम योगी पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे और उसके बाद जिलों का दौरा करेंगे।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी की जिलों में लापरवाह अधिकारियों पर पैनी नजर है। खानापूर्ति करने वाले, जनसुनवाई या भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कार्रवाई में शिथिलता बरतने वाले जिला स्तरीय अधिकारी भी योगी की रडार पर हैं। बार-बार शासन स्तर से निर्देश देने के बावजूद अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर जल्द गाज गिरने वाली है। इसके लिए योगी ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी की प्राथमिकता में सिर्फ जनसमस्याओं का निस्तारण नहीं है, बल्कि उसकी गुणवत्ता और शिकायत करने वाले की संतुष्टि भी अहम है, ताकि एक ही शिकायत बार-बार करने से लोगों को मुक्ति मिले।

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