पाकुड़। मालपहाड़ी रेलवे साइडिंग से बगैर परिवहन चालान के लाखों सीएफटी पत्थर ढुलाई करने की दोषी तीन कंपनियों को खनन विभाग ने डिमांड नोटिस जारी कर साढ़े सात करोड़ रुपये करने का निर्देश दिया है। विभाग ने फिलहाल यह नोटिस ओटन दास एंड कंपनी, स्टोन इंडिया तथा एनएसएस एंड कंपनी को जारी किया है। इसमें कहा गया है कि नोटिस मिलने के दो सप्ताह के अंदर रूपए जमा करने को कहा गया है। इसके मद्देनजर जांच में गड़बड़ी करने वाली ओटन दास एंड कंपनी द्वारा बगैर परिवहन चालान के 14 लाख 67 हजार सीएफटी पत्थर उत्पादों की ढुलाई का दोषी पाया है। इसके तहत विभाग ने उसे तीन करोड़ 87 लाख 4,057 रूपए जमा करने का निर्देश दिया है।
जबकि एनएसएस एंड कंपनी को 10 लाख आठ हजार सीएफटी के एवज में दो करोड़ 65 लाख 90 हजार रूपए तथा स्टोन इंडिया कंपनी को चार लाख 56 हजार सीएफटी पत्थर उत्पादों की ढुलाई के एवज में एक करोड़ 20 लाख 31 हजार रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि गत अगस्त माह में मालपहाड़ी रेलवे साइडिंग के पत्थर कारोबारियों ने रेलवे अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से बगैर परिवहन चालान के करोड़ों का पत्थर बिहार भेजा था।
मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार साह ने पाकुड़ रेलवे के चीफ यार्ड मास्टर एवं मालगोदाम अधीक्षक से इसके बावत विस्तृत जानकारी हासिल की थी। जांच में पाया गया कि बगैर परिवहन चालान के ही रेलवे द्वारा आर आर (रेलवे रिसीट)जारी किया गया था। जिसके चलते खनन विभाग को करोड़ों रूपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा था। जांच के दौरान खनन विभाग ने दोषी पाते हुए छह कंपनियों को नोटिस जारी किया था। इसमें ओटन दास एंड कंपनी, स्टोन इंडिया, बी आर मध्यान, वंशी स्टोन वर्क्स, एनएसएस एंड कंपनी तथा सी बी स्टोन शामिल हैं।
इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार साह ने बताया कि फिलहाल तीन कंपनियां दोषी पायी गई हैं। जिन्होंने 30 लाख सीएफटी से भी ज्यादा की पत्थर ढुलाई की है। शेष के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है।