मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हैवानियत का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर एक दरिंदे ने सुनहरे भविष्य का सपना देख रही लड़की को जिंदगी भर का जख्म दे दिया. लड़की की इज्जत लूटने की कोशिश में बदमाश ने उसे ऐसा जख्म दे दिया कि वो अगले 6 महीने तक बिस्तर से हिल भी नहीं सकती. इस वारदात ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है.

लड़की की मां के मुताबिक, भोपाल में करीब एक महीने पहले शाम को अपने घर के पास उनकी बेटी इवनिंग वॉक कर रही थी. इसी दौरान सुनसान इलाका और अंधेरा देख एक लड़के ने उनकी बेटी को धक्का देकर सड़क से नीचे की ओर धकेल दिया और उनकी बेटी के साथ जबरदस्ती करने लगा. पीड़िता की मां ने बताया कि बदमाश उससे लगातार मारपीट कर रहा था और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था और वह अपनी जान बचाने की कोशिश कर रही थी.

लड़की जब जोर से चीखने लगी तो सड़क से गुजर रहे लोग उस तरफ भागे, जिसके बाद आरोपी भाग गया. इसके बाद उनकी बेटी को अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज किया गया.  लड़की को इस कदर पीटा गया था कि उसके सिर, गले और पीठ पर चोट थी. करीब 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 25 जनवरी के दिन पीड़िता को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.  फिलहाल पीड़िता अपनी मां की देखरेख में घर पर बिस्तर पर ही है. लड़की की रीढ़ की हड्डी में रॉड लगाई गई है और स्क्रू से उसे कसा गया है. इसके अलावा लड़की को हार्ड प्लास्टिक का एक कवर पहनाया गया है, जिससे वो हिल नहीं सकती. यह इसलिए पहनाया गया है ताकि वो हिले नहीं और रीढ़ की हड्डी में जो स्क्रू लगाए गए हैं उसपर असर न पड़े.

पीड़िता की मां का कहना है कि उन्होंने जब अपनी बेटी से बात की तो उसने आपबीती बताई और कहा कि जब लड़का उसे बेरहमी से मार रहा था तब उनकी बेटी ने एक पल के लिए समझा कि वो इस मारपीट से मर ही जाएगी इसलिए उसने लड़के को कह दिया कि उसे जो करना है कर ले पर मारे नहीं. लड़की को हार्ड प्लास्टिक एक कवर पहनाया गया है. पीड़िता की मां का कहना है कि अभी तक पुलिस ने सिर्फ छेड़छाड़ का ही मामला दर्ज किया था.

पीड़िता की मां के मुताबिक, उन्होंने बेटी के साथ हुई हैवानियत के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन भी दिया था. पीड़िता की मां ने ‘ बताया कि शुक्रवार को डीआईजी इरशाद वली और कलेक्टर अविनाश लवानिया ने उनसे मुलाकात की है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने आरोपी की शिनाख्त उनकी बेटी से नहीं करवाई है. वहीं कलेक्टर अविनाश लवानिया ने भी पीड़िता और उनकी मां से शुक्रवार को मुलाकात की और पीड़िता के इलाज में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. इसके अलावा अबतक इलाज में जो खर्चा हुआ है वो राशि शासन से स्वीकृत करा कर पीड़िता की मां को उपलब्ध कराई गई है.

डीआईजी इरशाद वली से बात की तो उन्होंने बताया कि घटना 16 जनवरी की है. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई थी. पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज भी मिला था लेकिन उसकी फुटेज साफ नहीं थी इसलिए चश्मदीदों के बयानों के आधार पर एक आरोपी को दबोचा गया जिसने पूछताछ में अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है. पहले धारा 154 के तहत मामला दर्ज किया गया था लेकिन डिस्चार्ज रिपोर्ट के आधार पर अब मामले में धाराएं बढ़ाते हुए धारा 376 और 307 भी एफआईआर में जोड़ दी गई है.

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