मध्य प्रदेश के सीधी में हुए सड़क हादसे से सभी लोग सदमे में हैं. लेकिन सीधी के प्रशासनिक अधिकारियों को इस घटना से दोहरी चोट लगी है. पहले तो घटना की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई फिर दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के सीधी दौरे से सबकी नींद उड़ गई.

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीधी घटना की जानकारी लेने पहुंचे थे और इसी वजह से उन्हें सीधी के सर्किट हाउस में रुकना था. मुख्यमंत्री के रुकने से संबंधित सभी सूचनाएं पहले ही सर्किट हाउस के प्रभारी बाबूलाल गुप्ता को दे दी गई थी. लेकिन जब मुख्यमंत्री रात को विश्राम के लिए वहां पहुंचे तो आसपास सफाई का नितांत अभाव पाया और पानी का टैंक ओवर फ्लो हो रहा था. इतना ही नहीं, जिस कमरे को मुख्यमंत्री के विश्राम लिए तैयार किया गया था, उसमें इस कदर मच्छर थे कि उनका रात में सोना दूभर हो गया.

सर्किट हाउस के प्रभारी द्वारा कर्तव्यों को सही तरह से नहीं निभाया गया और विशिष्ट अतिथि को जिस तरह की सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, उसमें असुविधा हुई और कक्ष का रख-रखाव उनकी गरिमा के अनुसार नहीं था. ये लापरवाही रीवा कमिश्नर राजेश जैन और सर्किट हाउस को बहुत भारी पड़ी. मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए रीवा कमिश्नर को जोरदार फटकार लगाई और बाबूलाल गुप्ता को तो तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जबकि कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग देवेंद्र कुमार की दो वार्षिक वृद्धि रोकने का आदेश दिया.

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