गिरिडीह 11 अक्तूबर जिले के नक्सल प्रभावित पीरटांड के खुखरा पुलिस ने रविवार को थाना क्षेत्र के खुखरा-हरलाडीह के पंडरियाटांड से हार्डकोर माओवादी श्याम मुर्मु उर्फ श्याम मांझी उर्फ श्याम मंराडी को गिरफ्तार किया। हालांकि गिरफ्तार माओवादी के पास से पुलिस ने कोई हथियार तो बरामद नहीं किया। लेकिन श्याम इस इलाके का हार्डकोर नक्सली माना जाता रहा है। खुखरा पुलिस को मिले सफलता के बाद रविवार को प्रेसवार्ता में एसपी अमित रेणु और डुमरी इलाके के एसडीपीओ नीरज सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर मधुबन सीआरपीएफ कंपनी 154वीं बटालियन और सैट के ज्वांईट छापेमारी के दौरान पंडरियाटांड गांव में छापेमारी किया गया। छापेमारी के दौरान पुलिस को देखते ही श्याम मांझी फरार होने का फिराक में था । लेकिन ज्वांईट आॅपरेशन में शामिल सीआरपीएफ और सैट के जवानों ने श्याम मांझी को दबोचने में सफलता पायी। पूछताछ में गिरफ्तार माओवादी ने कई राज उगले है। जिसमें उसने बताया कि खुखरा इलाके का हार्डकोर माओवादी है। एसपी ने प्रेसवार्ता के क्रम में यह भी बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़ा माओवादी श्याम नौ नक्सली कांड का नामजद अभियुक्त है। इसमें साल 2018 में ही माओवादी श्याम ने पीरटांड के एरिया कमांडर नुनूचंद महतो के साथ मिलकर मुखिया गिरजा शंकर के बेटे ओमप्रकाश महतो के साथ मारपीट भी किया था। और उसके बोलेरो वाहन में आग लगा दिया था। ओमप्रकाश महतो से माओवादी श्याम व नुनूचंद टाईगर फोर्स की सदस्यता लेने से नाराज था। साल 2018 में ही श्याम ने अपने सहयोगी किशुन किस्कू, बैजून किस्कू और दुर्गा टुडु के साथ मिलकर पीरटांड के जोल्हाटांड के समीप बिशनपुर व खेताडाबर मेन रोड में सदाकत अंसारी उर्फ रामेशवर मियां की हत्या गला काटकर कर दिया था।
जबकि 2017 में पारसनाथ पहाड़ी के चन्द्रा प्रभु मंदिर के समीप जंगल में हुए पुलिस मुठभेड़ में श्याम मांझी शामिल था। यही नही पीरटांड के मेरमगोड़ा निवासी बाबूचन्द्र हेम्ब्रम के घर श्याम मांझी ने पीरटांड के जोनल कमांडर और एरिया कमांडर नुनूचंद महतो के साथ मिलकर बैठक कर सुरक्षा बल के वाहनों को उड़ाने की योजना बना रहा था। एसपी के अनुसार श्याम मांझी पीरटांड और खुखरा के सक्रिय हार्डकोर माओवादियों में शामिल था। क्योंकि बीतें साल ही श्याम ने अजय महतो के दस्ते के साथ मिलकर नेमोर और हरलाडीह जाने वाले रोड के पुल के नीचे केन बम लगाकर सुरक्षा बल को उड़ाने की योजना बना रखा था। लेकिन वक्त पर मिले सूचना के आधार पर पुलिस ने माओवादी श्याम समेत उसके सहयोगियों के योजना को खत्म कर दिया।

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