Mahakumbh : महाकुंभ 2025 में “IIT बाबा” के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह को शनिवार रात जुना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया। यह कार्रवाई उनके गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के प्रति अपशब्दों के इस्तेमाल के कारण की गई। जुना अखाड़ा ने स्पष्ट किया है कि साधु जीवन में गुरु के प्रति श्रद्धा और अनुशासन अनिवार्य है, और जो इसका पालन नहीं करता, वह संन्यासी नहीं हो सकता।

जुना अखाड़े के प्रमुख संरक्षक महंत हरि गिरि ने कहा, “अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के सिद्धांतों के खिलाफ है। गुरु का अपमान करने से सनातन धर्म और अखाड़े का अपमान होता है।” उन्होंने बताया कि अखाड़े के सभी सदस्यों को सख्त अनुशासन का पालन करना होता है और अभय सिंह ने गुरु के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके इन नियमों का उल्लंघन किया।

महंत हरि गिरि ने कहा, “न सिर्फ गुरु, बल्कि किसी अन्य साधु के खिलाफ बोलने की अनुमति नहीं है। इस उल्लंघन के कारण अखाड़े की अनुशासन समिति ने उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश की।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभय सिंह को तब तक अखाड़े से बाहर रखा जाएगा, जब तक वह अपने गुरु के प्रति सम्मान दिखाने और अनुशासन का पालन करना नहीं सीखते।

अभय सिंह, जो जुना अखाड़े के महंत सोमेश्वर पुरी के शिष्य थे, ने IIT-बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद साधु बनने का निर्णय लिया था। महाकुंभ 2025 में उनकी कहानी ने काफी चर्चा बटोरी थी, खासकर एक वायरल इंटरव्यू के बाद। अभय सिंह ने एक विवादित रील पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने अपने पिता को “हिरण्यकश्यप” और अपने गुरु को “पागल” कहा था, जिसके बाद उन्हें अखाड़े में कड़ी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा।

इस विवाद के बाद अंततः उन्हें शनिवार रात निष्कासित कर दिया गया। इससे पहले, अभय सिंह को उनके गुरु ने अखाड़े से बाहर कर दिया था, लेकिन उन्होंने मेला छोड़ने से इनकार कर दिया और दूसरे संत के कैंप में शरण ली।

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